Rajasthan Cabinet Expansion: राजस्थान में बीजेपी (BJP) की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) के मंत्रिमंडल के विस्तार का इंतजार शनिवार को खत्म हुआ. भजनलाल शर्मा सरकार में 22 नए मंत्रियों ने शपथ ली, लेकिन मंत्रिमंडल गठन के बाद अब विरोध स्वर भी उठने लगे हैं. राजपूत समाज की ओर से सरकार के मंत्रिमंडल में उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने को लेकर विरोध प्रकट किया जा रहा है. 


जोधपुर (Jodhpur) के मारवाड़ राजपूत समाज में बीजेपी के खिलाफ भारी रोष है. समाज के पदाधिकारियों ने इसको लेकर मारवाड़ राजपूत समाज भवन में बैठक की, जिसमें समाज के पदाधिकारियों ने आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इसके परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है. मारवाड़ राजपूत समाज के पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता में कहा कि साल 2018 में समाज के लोगों ने बीजेपी को वोट नहीं दिया था, जिसके चलते राजस्थान में बीजेपी को खामियाजा भुगतना पड़ा था. इस बार अगर लोकसभा चुनाव में समाज की मांग पूरी नहीं की गई, तो बीजेपी को इसका परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा.


BJP ने समाज तीन विधायकों को ही बनाया मंत्री
मारवाड़ राजपूत समाज के अध्यक्ष हनुमान सिंह खांगठा ने बताया "राजपूत समाज का 90 फीसदी वोट सीधा बीजेपी को जाता है, लेकिन बीजेपी ने अपने मंत्रिमंडल विस्तार में समाज की उपेक्षा की है. समाज के केवल तीन विधायकों को ही मंत्री बनाया गया है, जबकि पार्टी ने समाज के 26 उम्मीदवारों को टिकट दिया था. इसमें से 16 विधायक जीतकर आए. बीजेपी समाज को बंधुआ मजदूर समझ रही है. उनको गलतफहमी गई है. वो गलतफहमी हम निकाल देंगे." उन्होंने कहा कि बीजेपी का यही रवैया रहा तो समाज को बैठकर आगे की रणनीति बनाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.


मारवाड़ राजपूत समाज का है BJP पर ये आरोप
वहीं मारवाड़ राजपूत समाज के महासचिव केवी सिंह चांदरखा ने बताया कि ये समाज बीजेपी का मूल वोटर है. इसके बावजूद समाज की उपेक्षा की गई. समाज के 26 में से 16 विधायक जीतकर आए. साथ ही दो निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी का समर्थन किया, लेकिन मजह तीन विधायकों को मंत्री बनाया गया. उन्होंने बताया कि पिछली बार बीजेपी की सरकार बनी तब समाज के पांच विधायकों को मंत्री बनाया गया था. मारवाड़ राजपूत समाज के पदाधिकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि पहले समाज के उम्मीदवारों को 45 से 50 टिकट दिए जाते थे, लेकिन अब धीरे-धीरे कम किए जा रहे हैं. 


केवी सिंह चांदरखा ने बताया कि बीजेपी टिकटों को 26 तक ले आई है. इसमें भी बीजेपी की जीत से ज्यादा प्रतिशत समाज के विधायकों का है. बीजेपी को समाज आंख मूंदकर वोट देता है और यही है कि समाज की उपेक्षा की जा रही है. अगर इसी तरह समाज की उपेक्षा की गई तो वो अन्य दलों के साथ जाने को स्वतंत्र रहेगा.


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