Rajasthan News: देश में जैसे-जैसे मौसम बदल रहा है वैसे-वैसे हवा में जहर घुलता नजर आ रहा है. अधिकतर शहर जहरीली हवा की जद में आ रहे हैं. ऐसे में पॉल्यूशन (Air Pollution) से होने वाली बीमारियों को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से अलर्ट जारी करते हुए एडवाइजरी जारी की गई है. एडवाइजरी के पालन के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं. देश की राजधानी और इनके सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ती वायु प्रदूषण की समस्या और वायु की गुणवत्ता के गिरते स्तर को देखते हुए राजस्थान की चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने आमजन की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर दिशा-निर्देश दिए हैं.


शुभ्रा सिंह ने कहा है कि वायु प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियों सांस और हार्ट के मरीजों के लिए प्रदेशभर के अस्पतालों में आवश्यक चिकित्सा प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं. उन्होंने भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से इस संबंध में जारी एडवाइजरी की प्रभावी पालना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं. चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि सांस संबंधी बीमारी से ग्रसित बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों के लिए वायु प्रदूषण घातक साबित हो सकता है. इसलिए इससे बचाव के लिए सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित किए जाएं.


हॉस्पिटल में न हो कोई कमी 
शुभ्रा सिंह ने प्रदेश के सभी अस्पतालों की इमरजेंसी, इनडोर, आउटडोर, शिशु रोग इकाई में जांच और इलाज के बेहतर इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा है कि दीपावली की छुट्टी की वजह से अस्पतालों में मेडिकल व्यवस्थाओं में किसी तरह की कमी न हो. चिकित्सकों, नर्सिंगकर्मियों और अन्य स्टाफ की रोटेशन के आधार पर ड्यूटी लगाई जाए, ताकि मरीजों को आसानी से इलाज मिल सके. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी चिकित्सा संस्थानों में बेड, आवश्यक उपकरण और दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हो. किसी भी मरीज को परेशानी का सामना नहीं करना पडे़.


लोगों को जागरुक करने का दिया निर्देश
चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने वायु प्रदूषण की रोकथाम और इससे होने वाले रोगों से बचाव के लिए आमजन को जागरुक करने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि आमजन को आतिशबाजी, डीजल-पेट्रोल से चलने वाले व्हीकल, जनरेटर, धूम्रपान आदि के उपयोग से बचने की सलाह दी जाए. साथ ही उन्हें अत्यधिक वायु प्रदूषण वाले स्थानों पर अनावश्यक आवागमन से बचने के बारे में भी जागरुक किया जाए. अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि आईसीएमआर के हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार भारत में वर्ष 2019 में हुई कुल मौतों में से करीब 17 लाख मौत वायु प्रदूषण जनित रोगों के कारण हुई है. यह कुल मौतों का करीब 18 प्रतिशत है, जो कि चिंता का विषय है.


उन्होंने कहा है कि क्लाइमेट चेंज और मानवजनित गतिविधियों के कारण वायु प्रदूषण निरंतर बढ़ रहा है. इस पर प्रभावी रोकथाम के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ जनसहभागिता बेहद आवश्यक है. उन्होंने प्रदेश में वायु प्रदूषण की रोकथाम और इससे होने वाले रोगों से बचाव के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी की पालना सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं.  



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