Rajasthan News: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में प्रशासनिक महकमे में करोड़ों रुपये का स्टांप घोटाला सामने आया है. इस मामले में जिले के कोषाधिकारी ने बांसवाड़ा कोतवाली थाने में कर्मचारी और वेंडर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. शिकायत के बाद करोड़ों रुपये के इस स्टांप घोटाले की जांच पुलिस ने शुरू कर दी है. वहीं कलेक्टर इंद्रजीत यादव ने आरोपी कर्मचारी को निलंबित कर दिया है. 


घोटाले की एफआईआर जिला कोषाधिकारी हितेश गौड़ ने कोतवाली थाने में दर्ज कराई है. रिपोर्ट में बताया गया कि 23 फरवरी को उन्होंने कोषाधिकार पद पर ज्वॉइन किया था. इसके बाद स्ट्रॉन्ग रूम में रखे स्टांप की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया. जांच के बाद जब कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी, तो सामने आया कि जो ऑनलाइन स्टॉक है और स्ट्रॉन्ग रूम में स्टांप है उनमें अंतर है.

 

5.23 करोड़ रुपये का हेरफेर

जांच में यह भी सामने आया कि यह अंतर 5.23 करोड़ रुपये का है. मामले में स्टोर कीपर और स्टांप वेंडर के अलावा दो अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद आरोपी कर्मचारी जो कोषाधिकारी कार्यालय में कैशियर पद पर है. उसे डिटेन कर उसके घर पर सर्च किया, तो उसके घर से नोट गिनने वाली मशीन बरामद हुई.

 

पुलिस ने कैशियर और वेंडर दोनों को हिरासत में ले लिया है और आगे की जांच कर रही है. इधर जिला कलेक्टर इंद्रजीत यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सिस्टम के अंदर दर्ज स्टांप और उपलब्ध स्टांप में अंतर है. इसको लेकर कमेटी बैठाई गई थी और जांच की गई. दोनों में अंतर पाए जाने पर कर्मचारी को निलंबित किया गया और एफआईआर दर्ज करवाई गई है. आरोप है कि कैशियर ने वेंडर के जरिए स्टांप बाजार में बेचे.