Kota News: देश में तेजी से कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राजस्थान सरकार और प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है. संक्रमण को रोकने के लिए सैंपलिंग तेज कर दी गई और जागरुकता कार्यक्रम भी शुरू किया गया है. प्रदेश के कुछ जिलों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने पर कोटा का चिकित्सा विभाग अलर्ट हो गया है. सीएमएचओ डॉक्टर जगदीश सोनी ने बताया कि शहर में रेलवे स्टेशन, नयापुरा बस स्टेण्ड और संजय नगर नया बस स्टैण्ड सहित यूपीएचसी टिपटा, यूपीएचसी शॉपिंग सेंटर पर प्रतिदन 100 से अधिक कोविड सैंपल लिए जा रहे हैं.


डॉ. जगदीश सोनी ने बताया कि इन केंन्द्रों पर 107 संदिग्धों के सेंपल कलेक्ट किए गए हैं. शहर की चार सीएचसी भीमगंमण्डी, कुन्हाड़ी, विज्ञान नगर और दादाबाड़ी पर भी सैंपलिग शुरू करने के निर्देश दिए गए है. कोविड जांच और रोकथाम संबधी आवश्यक लोजिस्टिक की डिमांड निदेशालय जयपुर भिजवाई गई है. कोविड बचाव और रोकथाम संबधी सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चत की जा रही हैं. इसके लिए 26 दिसंबर को अस्पतालों में उपलब्घ संसाधनों की जांच-परख के लिए एक बार फिर मॉक ड्रिल की जाएगी. सीएमएचओ डॉ जगदीश सोनी ने बताया कि चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देशों के पालन के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19, श्वसन रोगों से बचाव और नियंत्रण के लिए एडवाइजरी जारी की है.


इन जगहों पर मिले कोरोना संक्रमित
सर्दी के मौसम में खांसी, बुखार, जुकाम और गला में खराश जैसे लक्षणों के रोगियों की संख्या में वृद्धि होती है. वर्तमान में देश के केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में कोविड मरीजों की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई है. देश के केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, दिल्ली और गोवा राज्यों में कोविड का नया सब वेरियेन्ट जेएन-1 पाया गया है. राजस्थान के में जैसलमेर में दो और जयपुर में दो रोगी जिनमें एक झुंझुनूं और दूसरा भरतपुर का मूल निवासी हैं, संक्रमित पाए गए हैं. विशेषज्ञों की राय के अनुसार प्रथम दृष्टया यह अपेक्षाकृत माइल्ड इन्फेक्शन प्रतीत होता है.


एडवाइजरी में क्या कहा?



  • हल्की सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम और गला खराब के रोगी चिकित्सक की सलाह समय पर लेते हैं तो रोग के नियंत्रण पर प्रभावी और तत्काल काबू पाया जा सकता है.

  • चिकित्सीय परीक्षण उपरान्त आईएलआई (इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस) रोगियों में सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम और गला खराब के लक्षण की स्थिति में होम आईसोलेशन में रहे. मरीजों में  इन लक्षणों के गम्भीर या लम्बी अवधि होने की स्थिति में या सीवीयर एक्यूट रेस्पाईरेटरी इलनेस के संक्रमण पर अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जाती है.

  • बच्चे, वृद्धजन, गर्भवती महिलाएं और को-मोर्बिडिटी वाले व्यक्तियों जैसे डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोग और अन्य गंभीर बीमारियों के रोगियों को सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम और गला खराब के लक्षण की स्थिति में सतर्क रहने व विशेष ध्यान रखते हुए तुरन्त चिकित्सक के अनुसार उपचार या कोविड टेस्ट करवाये जाने की सलाह दी जाती है. क्योंकि उनमें रोग के गम्भीर होने की ज्यादा सम्भावना रहती है.

  • आईएलआई और एसएआरआई के लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक की सलाह अनुसार कोविड-19 की जांच व उपचार समय रहते लिया जाना चाहिए.

  • आईएलआई के रोगियों जिन्हें सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम और गला खराब की तकलीफ है, उन्हें दूसरे लोगों से दूरी बनानी चाहिए और मास्क का उपयोग करना चाहिए. समय-समय पर हाथों को आवश्यकतानुसार साबुन से 20 सेकेण्ड तक धोना या सेनेटाईजर का उपयोग करना चाहिए.

  • आने वाले त्यौहार और नए साल पर कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर की पालना की जानी चाहिए. आमजन में कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर प्रणाली का उपयोग संक्रमण से बचाव के लिए उपयुक्त प्रक्रिया.


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