दीपावली के त्यौहार की रौनक के बीच जोधपुर शहर के पटाखा बाजारों में इस बार एक नई और चर्चा में रहने वाली वैरायटी ने जगह बना ली है. यह नाम इतना लोकप्रिय हो चुका है. इस दीपावली 'ऑपरेशन सिंदूर' वाले पटाखों की डिमांड बढ़ गई है.

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दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ और खरीदारी में बढ़ोतरी का जो नजारा नजर आ रहा है, उससे साफ है कि लोग इस वैराइटी को लेकर उत्साहित हैं.बता दे कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा चलाए गए सेना के अभियान ऑपरेशन सिंदूर के तहत पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकवादियों को निस्ते नाबूत किया था.

इस दीपावली पर 'ऑपरेशन सिंदूर' वाले पटाखों ने बाजारों में नया आकर्षण पैदा कर दिया है, जहां एक ओर खरीदारी और उत्साह बढ़ा है, वहीं दूसरी ओर सुरक्षा और नियमों का पालन करना हर खरीदार-उपभोक्ता की ज़िम्मेदारी बना हुआ है.

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आसमान में चमकते तिरंगे जैसे पटाखों कीनई वैरायटी

विक्रेता कन्हैया लाल राठी ने बताया, “इस दीपावली पर पटाखों की मांग बहुत ज्यादा है. इस बार मार्केट में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ वाले बम और आसमान में चमकते तिरंगे जैसे पटाखों की नई वैरायटी आई है और इसकी डिमांड जबरदस्त है. जीएसटी कम होने के बाद लोगों की खरीदारी भी बढ़ी है और पटाखे इस बार पिछले सालों की तुलना में सस्ते भी मिल रहे हैं.”

'ऐसे ही मनाया जाए ताकत और एकता का जश्न'

ग्राहक भी नए पैटर्न और थीम वाले पटाखों को देखकर उत्साहित दिखे. श्याम भाई, जो पटाखे खरीदने आए थे, ने कहा, “यहां आकर पता चला कि ऑपरेशन सिंदूर वाले पटाखे आए हैं और कई पैकेटों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर भी लगी है, यह देखकर गर्व होता है. लोग चाहते हैं कि देश की ताकत और एकता का जश्न ऐसे ही मनाया जाए.”

व्यापारियों का कहना है कि सरकार द्वारा करदर (GST) में कमी के बाद पटाखों की खुदरा कीमतों में कमी आई है, जिसके कारण आम लोगों की खरीदारी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. और त्योहार से पहले खरीदार बाजार में लौट आए हैं. कई दुकानदारों ने यह भी कहा कि नए डिजाइन और पैकेजिंग ने उपभोक्ता का आकर्षण बढ़ाने में मदद की है.

'सुरक्षा निर्देशों का करें पालन'

हालांकि, पटाखों की बढ़ती मांग के साथ सुरक्षा और पर्यावरणीय चिंताएँ भी उठ रही हैं. विशेषज्ञ और सुरक्षा संस्थान बार-बार आगाह कर रहे हैं कि पटाखे खरीदते व जलाते समय मानक सुरक्षा निर्देशों का पालन करें, बच्चों की निगरानी रखी जाए, सुरक्षित दूरी बनाकर पटाखे जलाये जाएँ और संवेदनशील इलाकों में पटाखे उपयोग न किए जाएं.