Road Safety Week In Ajmer: 32वें राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत अजमेर (Ajmer) जिले में कलेक्टर अंश दीप (IAS Ansh Deep) व एसपी चूनाराम जाट ने सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरूआत की. इस दौरान कलेक्टर ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ना चिंताजनक है. वर्ष 2022 में एक साल के भीतर डेढ़ लाख लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई. यह संख्या किसी आतंकी हमले, प्रचलित बीमारी एवं अन्य दुर्घटनाओं की तुलना में अधिक है.

 

सड़क हादसों पर अंकुश जरूरी


कलेक्टर अंश दीप ने कहा कि सड़क हादसे कम करने के लिए सामूहिक प्रयास होना चाहिए. सरकार दुर्घटनाएं रोकने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास कर रही है. सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाने के पीछे भी यही वजह है. शासन-प्रशासन आमजन को सुरक्षा के नियम बताते हैं. जनता का दायित्व है कि रोड सेफ्टी नियमों का पालन करें. सड़क पर चलने वाले हर व्यक्ति को रोड सेफ्टी नियमों की जानकारी होनी चाहिए. सड़क का सावधानी से उपयोग किया जाना चाहिए. हादसों को रोकना सामूहिक जिम्मेदारी है. सभी को अच्छा मददगार व्यक्ति बनने का कर्तव्य निभाना चाहिए.


वाहन चलाते वक्त हेलमेट व सीट बेल्ट जरूरी


आईपीएस सुमित मेहरड़ा ने सड़क दुर्घटना के कारणों एवं उपायों के साथ सीट बेल्ट एवं हेलमेट की आवश्यकता के वैज्ञानिक आधार बताए. उन्होंने माता-पिता एवं परिजनों से सड़क सुरक्षा नियमों की पालना बच्चों से करवाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि रोड सेफ्टी नियमों का पालन सिर्फ चालान से बचने के लिए नहीं, खुद की सुरक्षा के लिए आदत बनाकर करें. प्रादेशिक परिवहन अधिकारी वीरेंद्र सिंह राठौड़, शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक बी.सी. मण्डरावलिया ने भी विचार रखे.

यह अधिकारी रहे मौजूद

 

कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान, जिला शिक्षा अधिकारी अनिल जोशी, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता अशोक तंवर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनुज पिंगोलिया, जिला परिवहन अधिकारी राजीव शर्मा, पुलिस उपअधीक्षक रामावतार चौधरी, यातायात निरीक्षक नीतू राठौड़, प्रकाश जैन समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे.