युवा नेता नरेश मीणा ने 15 दिन बाद शुक्रवार (26 सितंबर) को अपना अनशन तोड़ दिया. उन्होंने पीपलोदी के बच्चों के हाथ से पानी पीकर अपना अनशन खत्म किया. जयपुर के शहीद स्मारक पर अनशन पर बैठे नरेश मीणा की मांग थी कि झालावाड़ के पीपलोदी में सरकारी स्कूल के जर्जर भवन के गिरने से सात बच्चों की मौत मामले में सरकार उचित मुआवजा दे.

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पीपलोदी स्कूल हादसे में मृत बच्चों के परिजनों को इंसाफ दिलाने के लिए जयपुर के शहीद स्मारक पर अनशन पर बैठे नरेश मीणा की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया. शुक्रवार को अस्पताल से सीधा वे शहीद स्मारक पर पहुंचे और अनशन को खत्म कर दिया.

सरकार ने कोई मांग नहीं मानी- नरेश मीणा

नरेश मीणा के अनशन के दौरान कई सामाजिक संगठनों और नेताओं ने आर्थिक सहयोग किया, जिसके चलते झालावाड़ हादसे में मृतक बच्चों के परिवारों को आर्थिक मदद मिल सकेगी. नरेश मीणा ने अनशन तोड़ने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, ''करीब 80-90 लाख रुपए भामाशाहों की मदद से इन पीड़ित परिवारों को दिए गए हैं जो कि जल्द ही पीड़ित परिवारों तक पहुंच जाएंगे. सरकार ने उनकी कोई मांग नहीं मानी और अभी उनकी लड़ाई खत्म नहीं हुई है.''

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किस पार्टी में शामिल होंगे नरेश मीणा?

नरेश मीणा ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए वो बीजेपी में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा, ''बीजेपी हिंदू-मुस्लिम और जातिवाद को बढ़ावा देती है, ऐसे में बीजेपी के साथ वे किसी हाल में भी नहीं जाएंगे.'' अब ऐसे में उनके इस बयान से इशारा साफ हो चुका है कि वह आने वाले वक्त में कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह भगत सिंह सेना बनाएंगे जो कि गरीब मजदूर पीड़ित के लिए लड़ाई लड़ेगी. उन्होंने यह भी कहा कि अब गांधी बनकर नहीं बल्कि भगत सिंह बनाकर लड़ाई लड़ी जाएगी.

अशोक गहलोत ने भी की थी अनशन तोड़ने की अपील

आने वाले वक्त में नरेश मीणा कांग्रेस के साथ जा सकते हैं ऐसा इसलिए भी है कि जब नरेश मीणा अस्पताल में भर्ती थे तब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर उनसे अनशन तोड़ने की अपील की थी, तो वहीं पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास उनसे मिलने अस्पताल भी पहुंचे थे. वहीं कांग्रेस के कई नेताओं ने उनसे अस्पताल में जाकर मुलाकात भी की थी. हालांकि अब देखना होगा कि नरेश मीणा के इस बयान से सियासत पर क्या असर पड़ता है और वह कब किस पार्टी में शामिल होते हैं.