Mumps In Udaipur: प्रदेशभर में पैर पसार रहा मंप्स संक्रामक रोग उदयपुर में घातक हो चुका है. उदयपुर संभाग के सबसे बड़े राजकीय महाराणा भुपाल चिकित्सालय में एक ही दिन में रिकॉर्ड मरीज दर्ज किए गए हैं. बड़ी बात यह है कि इनमें ज्यादा संख्या बच्चों की है. तेजी से फैलने वाले इस संक्रामक रोग के लिए चिकित्सा विभाग ने सलाह भी जारी की है. आज से सभी हॉस्पिटल से इस रोग से जुड़े आंकड़े एकत्रित किये जाएंगे जिससे संख्या बढ़ सकती है. 


बच्चों की संख्या ज्यादा

 

महाराणा भुपाल चिकित्सालय में पिछले तीन दिन में मंप्स संक्रामक रोग से जुड़े 59 मरीज रिकॉर्ड किए गए हैं. इनमे मंगलवार को सबसे ज्यादा 22 मरीज मिले हैं. इनमे भी 12 मरीज 9 वर्ष तक के बच्चे हैं. यहीं नहीं 10 से 19 वर्ष तक का 1 और 20 से अधिक वाले 9 रोगी मिले हैं.

 

उदयपुर में महाराणा भूपाल चिकित्सालय के अलावा राजकीय सेटेलाइट हॉस्पिटल और कई निजी हॉस्पिटल भी हैं. यहां के आंकड़े एकत्रित नहीं किए हैं. आज इन सभी हॉस्पिटल से अकड़े एकत्रित किए जाएंगे जिससे वास्तविक स्थिति सामने आएगी. यह संख्या और ज्यादा बढ़ सकती है. 

 

15 दिन तक आइसोलेट होने की सलाह, बच्चों को ना भेजे स्कूल

 

चिकित्सा विभाग की तरफ से सलाह जारी की गई है कि किसी भी व्यक्ति ने इससे जुड़े लक्षण दिखाई दे तो वह 15 दिन तक आइसोलेट हो जाए, किसी व्यक्ति के संपर्क में ना आए. वहीं यह भी सलाह दी जा रही है कि लक्षण की शुरुआत हो तो बच्चों को स्कूल ना भेजे ताकि दूसरे बच्चे संक्रमित होने से बच जाए. साथ ही वयस्क अपनी नौकरी या अन्य कार्यस्थल ना जाए. 

 

उदयपुर के राजकीय रविंद्र नाथ टैगोर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. लाखन पोसवाल ने बताया कि यह एक संक्रामक रोग है जो मंप्स वायरस के कारण होता है. इसकी शुरुआत सिरदर्द, थकान और बुखार जैसे सामान्य लक्षण से शुरुआत होती है. इस रोग में 70% से अधिक मामलों में पेरोटाइटिस होता है यानी गला और जबड़ा सूज जाता है. पहले बचपन में आम बीमारी हुआ करती थी, 1967 में इसका टीका बना तो कमी आई थी, लेकिन प्रकोप अभी भी बना हुआ है. यहां संक्रमित व्यक्ति के छींकने, खांसने या बात करने से फैलता है.