Kota News: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में मंत्री शांति धारीवाल की पुत्रवधू पर कथित साहित्यिक चोरी करने आरोप सामने आया है. इतिहास की शिक्षक नेहा प्रधान ने मंत्री शांति धारीवाल की पुत्रवधू डॉ. एकता धारीवाल पर उनकी दिवंगत बहन डॉ. नलिनी प्रधान की थीसिस से कंटेंट चोरी कर पुस्तक छपाने और उसे अमेजन पर बेचने का गंभीर आरोप लगाया है.


नेहा ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि "डॉ. नलिनी प्रधान कोटा विश्वविद्यालय में इतिहास विषय की अतिथि व्याख्याता थीं. उन्होंने इतिहास विषय में डॉ. अरविन्द कुमार सक्सेना के मार्गदर्शन में 18 दिसंबर 2013 को 'एन इंडियन ब्ल्यू प्रिंट स्टोन एज आर्ट' विषय पर शोधकार्य पूर्ण कर डिग्री प्राप्त की थी."


प्रेम कांफ्रेंस में नेहा ने बताया कि "वह साल 2002 से विश्वविद्यालय में रजिस्टर्ड थीं. उनके द्वारा बूंदी के सभी क्षेत्रों का दौरा किया गया, उन्होंने बूंदी के पुरातत्ववेत्ता ओमप्रकाश शर्मा कुक्की के मार्गदर्शन में भी शोध कार्य किया." उन्होंने आगे बताया कि "डॉ. नलिनी ने ओमप्रकाश शर्मा, दिल्ली की आईजीएनसीए और जयपुर से रिपोर्ट्स प्राप्त कर उन्हें थीसिस में सम्मिलित किया था. इस थीसिस का ब्यौरा कोटा विश्वविद्यालय की साइट पर क्रमांक 235 से प्राप्त किया जा सकता है." डॉ. नलिनी के बार में जानकारी देते हुए नेहा प्रधान ने बताया कि मध्यमवर्गीय परिवार से होने के कारण डॉ. नलिनी अपने शोधकार्य का प्रकाशन नहीं करवा सकीं. स्वास्थ्य में गिरावट के कारण उनकी दिनांक 1 अप्रैल 2017 को हो मृत्यु गई थी.


डॉ. नलिनी की थीसस चोरी करने का आरोप
मंत्री शांति धारीवाल की पुत्रवधू पर आरोप लगाते हुए नेहा प्रधान ने बताया कि "डॉ. एकता धारीवाल को जब इस बात की जानकारी हुई कि डॉ. नलिनी ने बूंदी की प्रागैतिहासिक सभ्यताओं पर पीएचडी की है, तो उन्होंने अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए कोटा विश्वविद्यालय से डॉ. नलिनी की थीसिस से मैटर निकालकर अप्रैल 2023 में 'इंडियन ब्ल्यू प्रिंट स्टोन एज आर्ट' नाम से पुस्तक का प्रकाशन कराया. सितंबर 2023 में मुझे यह पुस्तक प्राप्त हुई तब मुझे यह पता चला कि डॉ. नलिनी की थीसिस को चोरी करके मैटर को अन्य मैटर के साथ जोड़कर पुस्तक तैयार की गई है.


'शीघ्र की जाएगी उचित कानूनी कार्रवाई'
डॉ. नलिनी की बहन नेहा ने बताया कि "जब मेरे द्वारा इसके मैटर का मिलान डॉ. नलिनी की थीसिस से किया गया है और पुस्तक के पृष्ठों का मिलान थीसिस से किया गया, तब पता चला कि अधिकांश मैटर डॉ. नलिनी के शोध से लिया गया है. जो स्पष्ट रूप से साहित्यिक चोरी और अनैतिक कार्य है." उन्होंने कहा कि "पुस्तक में छपी फोटो भी थिसिस से फोटो खींचकर लगाए गए हैं, जो ओरिजनल नहीं है." नेहा प्रधान ने बताया कि "इस मामले की शिकायत यूजीसी में की गई है. उन्होंने बताया कि "बिना कंसेंट के और थिसीस लिखने वाले का रेफरेंस दिए बगैर पुस्तक छापना अपराध है. इस मामले में शीघ्र ही उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी."


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