Kota News: बरसात के मौसम में हर बार सभी विभाग मिलकर पौधारोपण करते हैं, स्वयंसेवी संस्थाएं भी आगे आती हैं, लेकिन इस बार वन विभाग 13 लाख पौधे वन क्षेत्र के बाहर लगाने जा रहा है. इसमें सभी विभाग सक्रियता से भागीदारी निभाते हुए अपने-अपने क्षेत्रों में पौधारोपण करने के साथ आमजन को भी अभियान में जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.


जिला कलक्टर ने बताया कि सभी नगरीय निकाय, नगर निगम, नगर विकास न्यास व नगर पालिकाएं तिथिवार कार्यक्रम निर्धारित कर सभी सड़कों के दोनों तरफ, आवासीय क्षेत्रों में पार्कों के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर पौधारोपण का प्लान बनाकर कार्य करेंगे.


शहर में लगेंगे 7 लाख पौधे 
इस अभियान के तहत शहरी क्षेत्रों में 7 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य लेकर उसकी सुरक्षा एवं वर्षभर देखभाल की कार्ययोजना बनाई जा रही है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों के माध्यम से चारागाह, सिवायचक एवं आबादी क्षेत्रों में कार्ययोजना बनाकर एक लाख 50 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य तय करने के लिए सभी पंचायतों को पाबंद किया जा रहा है.


राजकीय विभागों को एक लाख 30 हजार पौधे कार्यालयों के क्षेत्रों एवं क्षेत्राधिकार के आवासीय परिसरों, राजकीय भवनों के आसपास सुरक्षा व देखभाल की व्यवस्था के साथ पौधारोपण करने को कहा है. विभाग ऑन लाइन व ऑफ लाइन पौधे नर्सरी से ले सकते हैं.


11 नर्सियों में तैयार किए, कोटा शहर जुटेगा लगाने में 
उप वन संरक्षक जयराम पाण्डेय ने बताया कि कोटा जिले में 13 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। विभाग द्वारा 11 नर्सरियों में पौधे तैयार किए हैं जिनमें निर्धारित राशि जमा कराकर पौधे प्राप्त किए जा सकेंगे. उन्होंने विभागवार, स्थानीय निकायों, स्वयंसेवी संस्थाओं, निजी कम्पनियों, औद्योगिक इकाईयों के माध्यम से किए जाने वाले पौधारोपण के लक्ष्य बताते हुए सभी विभागों एवं संस्थाओं को समय पर नर्सरियों से पौधे उठाव का आव्हान किया. 


उन्होंने बताया कि कम्पनियों, स्वयं सेवी संस्थानों, चेरीटेबल संस्थानों, निजी संस्थानो को 6 माह के पौधे प्रति पौधा 9 रुपये और 12 माह के पौधे प्रति पौधा 15 रुपए की दर से उपलब्ध कराए जाएंगे. व्यक्तिगत लाभार्थियों को 10 पौधे तक प्रति पौधा 2 रुपए की दर से तथा 11 से 50 पौधे प्रति पौधा 5 रुपए एवं 51 से 200 पौधे प्रति पौधा 10 रुपए की दर से उपलब्ध कराये जाएंगे.


इन प्रजातियों के होंगे पौधे 
उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से गुलमोहर, सफेदा, गुलाब, कदब, करंज, बेलपत्र, जामुन, अशोक, अमलतास, कैत, शीशम, जंगल जलेबी, चुरैल, सिरस, बोगनबेलिया, सहजना, पेल्टाफार्म, आंवला, शहतूत, चांदनी, कचनार, केसियाश्यामा, गुडहल, कनेर, इमली, सेमल, नीम, पीपल, महुआ, कचनार, बरगद, गूलर, बांस, अरडू, टिकोमा, अनार आदि के पौधे नर्सरियों में तैयार किए हैं.


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