Kota NEET Students News: कोटा में कोचिंग कर रहे विद्यार्थियों में सकारात्मकता लाने और उनको मोटिवेट करने के लिए जिला प्रशासन हर स्तर प्रयास कर रहा है. इन्हीं प्रयासों के तहत नीट की परीक्षा में शामिल होने जा रहे विद्यार्थियों को मोटिवेट करने के लिए जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी एक कोचिंग इंस्टीट्यूट पहुंचें. 


जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी ने विद्यार्थियों से संवाद के दौरन उनके सवालों के जवाब दिए और उनके साथ अपने अनुभव साझा किए. उत्साह के साथ परीक्षा देते हुए सफलता की ओर बढ़ने के लिए शुभकामनाएं दी. जिला कलक्टर ने सोशल मीडिया के सवाल पर कहा कि ना तो मैं इंस्टा पर हूं, ना ट्विरटर पर हूं, मैं यहां हूं. वो आभासी दुनिया है. इससे कुछ नहीं होता.


'सोशल मीडिया आपके लक्ष्य के लिए दुश्मन'
सोशल मीडियो को लेकर कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि हो सकता है सोशल मीडिया उपयोगी हो, लेकिन अभी आपकी उम्र में और जिस लक्ष्य के लिए आप आए हैं उस उद्देश्य में ये आपके दुश्मन हैं. उन्होंने कहा कि आप जिस दिन कामयाब हो जाओगे फॉलोअर्स खूब मिल जाएंगे. अभी ये बाधा के अलावा कुछ नहीं.


विद्यार्थियों से जिला कलेक्टर ने सोशल मीडिय को अपने मोबाइल फोन से हटाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि हम वो करना चाहिए जो काम अच्छा हो, क्योंकि अच्छा काम करने के बाद उत्साह मिलता है. बुरा काम करके भारीपन महसूस होता है. उन्होंने कहा कि हम इंस्टा पर एक घंटा बिताने के बाद जब सोचते हैं तो लगता है एक घंटा खराब हो गया, इसलिए यह गलत है.


यूपीएससी को लेकर किया बड़ा खुलासा
विद्यार्थियों को मोटिवेट करते हुए डॉ रविंद्र गोस्वामी ने कहा कि मैं फेल होकर पास होने वाला परफेक्ट एग्जांपल हूं. प्री मेडिकल एग्जाम पीएमटी, प्रीपीजी, आर्मी कैप्टन, यूपीएससी सभी एग्जाम में पहली बार में मुझे सफलता नहीं मिली. सब में दूसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की. 


कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी कहा कि यूपीएससी में सफल हुआ तो मनपसंद पद नहीं मिल रहा था तो दोबारा एग्जाम दिया. उन्होंने कहा कि मैंने सपना देखा था कि किसी आईएएस से हाथ मिलाऊं, जब सफल हुआ तो कमरे में गया जोर से चिल्लाया और फिर खुद से हाथ मिलाया. उन्होंने कहा कि मैं पहला आईएएस हूं, जिससे मैंने खुद हाथ मिलाया. 


विद्यार्थियों से संवाद में जिला कलेक्ट ने  कहा कि अपना मुकाबला खुद से रखो. अपनी तुलना दूसरों से मत करो. सभी की परिस्थितियां अलग-अलग हैं. न ताना मारने वालों से विचलित हों और न प्रशंसा से. हमें फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि लोग क्या कह रहे हैं. मोहब्बत मंजिल से करनी है, रास्तों से नहीं.


'अपने शौक जिंदा रखो और उन्हें समय दो' 
एक अन्य छात्र के सवाल के जवाब पर जिला कलेक्टर ने कहा कि अपने शौक जिंदा रखिए. रोजाना कुछ समय भी दीजिए, जिस दिन टेस्ट दो उसके बाद अपने शौक को समय दो. रोजाना 7-8 घंटे पढ़ें और इसके अलावा जो आपको करना है करो. नियमित और अनुशासित मेहनत से आप आसानी से सफल हो सकते हैं. 


बेस्ट नोट्स कैसे बनाएं ? 
इस सवाल के जवाब में डॉ गोस्वामी ने कहा कि नोट्स बनाने के लिए टीचर्स से ज्यादा बेहतर कोई नहीं बता सकता. नोट्स नहीं हो तो की- वर्ड्स लिखो, जिसे देखते ही तुरंत याद आ जाए. जो भी नोट्स बना रहे हो, उन्हें एक ही जगह रखें. नोट्स में लिखावट कम होनी चाहिए. ट्री, डायग्राम, एरो या ग्राफ्स कुछ ऐसे ट्रिक्स होनी चाहिए जो आपको याद भी रह जाए और याद भी दिला दे.


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