Kota News: कोटा (Kota) में कोचिंग विद्यार्थियों के मानसिक सम्बलन और उन्हें सकारात्मक माहौल देने की दिशा में जिला प्रशासन ने एक और बड़ी पहल की है. इसके लिए 'कामयाब कोटा' अभियान शुरू किया गया है. जिला कलेक्टर ने इस अभियान की शुरुआत कुन्हाड़ी लैंडमार्क सिटी स्थित शिव रेजिडेंसी गर्ल्स हॉस्टल में छात्राओं के साथ डिनर कर के की. जिला कलेक्टर ने यहां रह रही छात्राओं के साथ डाइनिंग टेबल पर अनौपचारिक वातावरण में उनके साथ बातचीत की. कुछ ही देर में छात्राएं ऐसे घुल-मिल गईं, जैसे अपने परिवार के बीच हों.
कलेक्टर ने सहजता से उनकी बातें सुनी और अपनी बातें कहीं. उन्होंने छात्राओं से विद्यार्थी जीवन के अपने अनुभव बांटे. साथ ही हंसी-ठहाकों के बीच गहरी सीख और गुरु मंत्र भी दिया. जिला कलेक्टर से छात्राओं ने बातों बातों में दैनिक अध्ययन में आने वाली परेशानियों, असमंजस, अध्ययन के तौर तरीके, अध्ययन में एकाग्रता, टाइम मैनेजमेंट और सफलता के टिप्स भी पा लिए. जिला कलेक्टर ने इन छात्राओं के साथ तिरंगा केक भी काटा. स्टूडेंट को टिप्स देने के साथ ही ही जिला कलेक्टर ने उनके साथ गाना गाकर माहौल में अपनत्व घोल दिया.
कोटा कलेक्टर के साथ छात्राओं ने गाया गानाछात्राओं ने भी गीत में स्वर मिलाया. छात्राओं ने बताया कि इस तरह जिला कलेक्टर का अचानक उनके बीच आना एक सुखद आश्चर्य था. छात्राओं ने बताया कि उन्हें अपने बीच पाकर और साथ में भोजन कर ऐसा लगा जैसे वो परिवार के बीच हों. जिला कलेक्टर ने छात्राओं के साथ लगभग दो घंटे का समय बिताया. छात्राओं से संवाद में उन्होंने बताया कि कि वह भी कोटा में एक विद्यार्थी के रूप में कोचिंग के लिए आए थे, लेकिन मन नहीं लगने पर वो जल्दी ही यहां से चले गए और फिर स्वयं के बूते ही पढ़ाई कर सफलता पाई.
उन्होंने कहा छात्राओं से कहा कि विद्यार्थी जीवन में इस तरह के दौर आते हैं जब असमंजस और अनिर्णय की स्थिति होती हैं. स्ट्रेस घेर लेता है. ऐसे में मजबूत होकर समझदारी से काम लेने की जरूरत होती है. डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने छात्राओं से कहा कि किसी भी समस्या से घबराएं नहीं, समस्याएं हमें मजबूत बनाने के लिए आती हैं. घबरा के भागने के बजाय उनका सामना करें. आगे बढ़ें भविष्य उज्जवल ही होगा. जिला कलेक्टर ने छात्राओं से कहा कि कहा कि जीवन एक ईश्वरीय उपहार है. इसे पूरी शिद्दत के साथ जीने के लिए अपने बड़े लक्ष्य तय करें.
कोटा जिला कलेक्टर ने क्या कहाउन्होंने छात्राओं से कहा कि करियर लक्ष्य पाने का एक रास्ता मात्र है, मंजिल नहीं. लक्ष्य पाने में असफलताएं आएंगी. निराशा भी मिलेगी, लेकिन हारें नहीं. किसी परीक्षा में विफल होने मात्र से अपना आकलन ना करें. उन्होंने कहा कि यदि आप डिजर्व करते हैं, तो प्रयास जारी रखें, लेकिन इसकी एक सीमा जरूर हो. दूसरे विकल्प भी जरूर खुले रखें. वहीं चंबल हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष विश्वनाथ शर्मा ने कहा कि हर बच्चा हमारे परिवार का हिस्सा है. इनकी हर समस्या हमारी है और समाधान भी हम करेंगे.