Rajasthan News: कोटा शहर में कोचिंग के लिए देशभर से बच्चे पहुंच रहे हैं. कोचिंग संस्थान स्टूडेंट्स को प्रेरित करने के साथ पैरेन्टस के लिए भी स्पेशल सेशन्स आयोजित किये जा रहे हैं. स्पेशल सेशन्स में पैरेंट्स को बच्चों पर ध्यान देने की सलाह दी जा रही है. पैरेंटिंग सेशन ‘‘परवरिश’’ का आयोजन सम्यक कैम्पस के सद्गुण सभागार में हुआ. मनोवैज्ञानिक और मोटिवेटर डॉ. हरीश शर्मा ने सेशन को संबोधित करते हुए पैरेन्ट्स को टिप्स दिए. उन्होंने बताया कि कोटा में देश के कोने-कोने से छात्र सपनों को साकार करने के लिए पहुंच हैं.


हरीश शर्मा ने ने कहा, 'अभिभावकों को बच्चों से अच्छी रैंकिंग की उम्मीद रहती है. अभिभावकों की भी कुछ जिम्मेदारी बनती है. पैरेन्ट्स को समझना चाहिए कि बच्चे रूटीन टेस्ट में पिछड़ रहे हैं तो ज्यादा दबाव नहीं डालें. बच्चों से लगातार संवाद बढ़ाए रखें.' मोटिवेटर डॉ. हरीश शर्मा ने बताया कि पैरेन्ट्स और बच्चों के बीच संवाद जितना साफ होगा, रिश्ता उतना ही मजबूत होगा. कोचिंग में काउंसलर से मिलकर बच्चे की पढ़ाई में पिछड़ने का कारण समझना चाहिए.


पैरेंटिंग सेशन में पैरेन्ट्स को दिये गये टिप्स


उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार रखें. कोशिश करें कि महीने में एक बार बच्चे से मिलने आएं. इससे बच्चे को हिम्मत मिलेगी. नया माहौल और नए दोस्तों के मिलने का असर बच्चे की दिनचर्या पर भी पड़ेगा. इसलिए पैरेन्ट्स बच्चे के दिनचर्या की जानकारी रखें. बच्चा कितने बजे सो रहा, उठ रहा है या रात में कितनी देर तक जाग रहा है. रोजाना हेल्दी डाइट ले रहा है या नहीं. कई बच्चे कोटा आने के बाद फास्ट फूड का सेवन करने लग जाते हैं. उन्होंने बताया कि फास्ट फूड सेहत के लिए सही नहीं होता. 


आपका बच्चा अतुलनीय है-डॉ. हरीश शर्मा


डॉ. शर्मा ने कहा कि पैरेन्ट्स को समझना होगा कि बच्चा अतुलनीय है. इसलिए उसकी किसी से तुलना नहीं करें. तुलना करने से बच्चे में हीन भावना होती है. पैरेन्ट्स ध्यान रखें कि आज की जनरेशन में काफी अंतर है. 


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