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राजस्थान के भरतपुर जिले में करवा चौथ का व्रत वो महिलाएं रख रही है जिन्हे उनके पतियों द्वारा ठुकरा दिया गया है. पतियों के ठुकरा दिए जाने के बाद भी महिलाएं उस पति की लम्बी आयु के लिए करवाचौथ का व्रत कर रही है. पूरे देश में आज सुहाग पर्व करवा चौथ को सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर बड़े ही विधि विधान से मना रही हैं.

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बात करें भरतपुर के अपना घर आश्रम में रहने वाली उन लगभग 123 महिलाओं की जिनको उनके पति ठुकरा चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद भी वे सभी महिलाएं आज अपने पति की लम्बी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत कर रही हैं. अपने पति को लेकर इन सभी का यही कहना है कि भला है बुरा है जैसा भी है मेरा पति मेरा देवता है.

पति के दुर्व्यवहार के बावजूद, लंबी आयु की करती हैं कामना

भरतपुर के अपना घर आश्रम में 3412 महिला प्रभुजी निवासरत हैं जिन्हें देश के विभिन्न स्थानों से अस्वस्थ हालत में लाकर अपना घर में भर्ती किया गया और सेवा व उपचार के बाद वे ठीक हैं, जिनमें से आज 123 माता - बहनों के साथ इतना सब कुछ घटित होने के उपरान्त भी पति के प्रति समर्पण कम नहीं हुआ है. इसलिए हर साल करवा चौथ पर पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती है.

यह वह 123 से अधिक महिलाएं है जिन्हे उनके पतियों ने दर्द के सिवाय कुछ नहीं दिया और दर्द भी ऐसा की वह मानसिक कमजोरी का शिकार हो गई और उन्हें दर-दर की ठोकर खाने के लिए छोड़ दिया गया था . अब यह सभी महिलाएं अपना घर आश्रम में है और यहां चले इलाज से पूरी तरह स्वस्थ हैं लेकिन उनके पति आज भी उन्हें स्वीकार करने को तैयार नहीं है .

अब यह बात अलग है कि करवा चौथ की हर रस्म आंसुओं से भीगी होती है और पति के दर्द को ही उन्होंने अपनी जिंदगी बना लिया है .आज इन महिलाओं ने सजने-संवरने और मेहंदी की रस्म क्रिया के बाद कहानी सुनी और करवा माता की पूजा कर अपने पति की सलामती की दुआ मांगी .

कई महिलाओं के पतियों ने दूसरी शादी की या तलाक दिया

जानकारी के अनुसार बताया गया है कि इन महिलाओं में कई ऐसी भी हैं जिनके पतियों ने दूसरी शादी कर ली है और कईयों को तो उनके पति तलाक भी दे चुके हैं, लेकिन बावजूद इसके भी इन महिलाओं का समर्पण कम नहीं हुआ है. अपना घर आश्रम में रहने वाली ऐसी कई महिलाओं से आज जब बात की तो उनका दर्द दिल से निकल कर जुबां पर आया तो सबकी एक ही कहानी नजर आई कि जिस पति ने शादी के समय सात फेरों के दौरान सात जन्म तक साथ निभाने का जो वादा किया था उसे उनके पति तो नहीं निभा पाए लेकिन पत्नियां जरूर उस वादे को निभाने का प्रयास कर रही है. व्रत रख रही महिलाओं के कहना है की उनके पतियों ने हालांकि उनको ठुकरा दिया लेकिन उनके पति जैसे भी है आखिर अच्छे है इसलिए वे अपने पतियों की लम्बी उम्र की कामना के लिए हर वर्ष करवा चौथ का व्रत रखती है |

क्या कहना है व्रत कर रही महिलाओं का

करवा चौथ का व्रत कर रही महिलाओं से बात की तो उन्होंने बताया कि रोजाना होने वाले गृह क्लेश की वजह से वह मानसिक कमजोरी का शिकार हो गई . पति ने दूसरी शादी कर ली लेकिन उसके बावजूद भी वह अपने पतियों की सलामती के लिए आज करवा चौथ का भूखे-प्यासे रह कर व्रत भी कर रही है .

क्या कहना है संचालिका का

अपना घर की संचालिका डॉक्टर माधुरी भारद्वाज का कहना है कि आज अपना घर आश्रम में करवा चौथ का व्रत महिला प्रभु जी द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. आज 123 से अधिक महिला प्रभुजी निर्जला व्रत कर रही है सबके मन में अपने पति के लिए भाव है आशा है एक उम्मीद है की हम भी अपने पति से मिलेंगे. सभी ने अपने पति की दीर्घायु के लिए और अच्छे स्वास्थ्य के लिए कामना की है. इन महिलाओं में संस्कार और समर्पण इतना है कि वह आज भी परंपरानुसार करवा चौथ का व्रत रखकर पति के दीर्घायु होने की कामना कर रही हैं.