Rajasthan News: राजस्थान में हरियाली तीज महोत्सव धूमधाम से मनने के बाद अब त्योहारों को झड़ी लग गई है. प्रदेश में बूंदी की तीज, बारां की डोल यात्रा, अजमेर का पुष्कर मेला प्रसिद्ध है. इस बार इन सभी पर्व की धूम रहेगी. बूंदी तीज महोत्सव की भी शुरुआत हो गई है. कोरोना के चलते दो साल बाद भरने जा रहे 15 दिवसीय कजली तीज महोत्सव की तैयारी हो चुकी है. नगर परिषद टीम की ओर से बीते रोज दुकानें आवंटित की गई. दुकानें काटने से नगर परिषद को 10 लाख की आय हो चुकी है, अभी और दुकानें काटी जा रही हैं.


15 दिन तक शाम को होने वाले मेले के रंगारंग कार्यक्रमों में थोड़ा बदलाव किया गया है. पर्यटन विभाग ने दो की जगह एक ही कार्यक्रम रखा है और एक की जगह फिर से राजस्थानी कवि सम्मेलन जोड़ा गया है. मेला ग्राउंड पर 400 के करीब दुकानें, चकरी झूला, मौत का कुआं, ब्रेक डांस सहित मनोरंजन के आइटम लगाए जा रहे हैं. इस बार मेले में देशभक्ति कार्यक्रम के साथ कृष्ण जन्माष्टमी भी भव्य रूप से मनाई जाएगी. वृंदावन के कलाकार भजन पेश करेंगे. आकर्षक झांकियों के साथ ही स्टार नाइट में भी बड़े कलाकारों को बुलाया जाएगा. बूंदी तीज मेला संपन्न होने के बाद बारां का डोल मेला फिर अजमेर का पुष्कर मेला भरेगा. 


मेला ग्राउंड को चार हिस्सो में बांटा गया


लोगों की परेशानी और दुकानदारों के रोजगार को देखते हुए मेला ग्राउंड को 4 हिस्सों में बांटते हुए 48 कॉर्नर दुकानें रखी गई हैं. बारिश में दर्शकों को भीगने से बचाने के लिए दो वाटरप्रुफ डोम भी लगेंगे. मंच के बैकग्राउंड में 300 फीट लंबी एलईडी वॉल लगाई जाएगी. आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आज 5000 स्कूली बच्चे तिरंगा झंडा लिए देशभक्ति कार्यक्रम में रहेंगे. दिल्ली, पंजाब के सिंगर देशभक्ति गानों की प्रस्तुति देंगे. कमलेश पटेल नृत्य और गानों की प्रस्तुति देंगे. स्टार नाइट में भी मुंबई की टीवी स्टार सांची सिंह आएंगी. दिल्ली-आगरा के अलग-अलग ग्रुप भी प्रस्तुति देंगे. आयुक्त महावीर सिंह सिसोदिया ने बताया कि 350 से 400 के करीब दुकानें रहेंगी. 


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सजने लगीं दुकानें और डलने लगे झूले


कजली तीज मेले के लिए कुंभा स्टेडियम में दुकानें सजने लगी हैं. तीज माता की सवारी निकलने के साथ ही 15 दिवसीय मेला शुरू हो गया है. मेला समिति के पार्षद टीकम जैन ने बताया कि दुकानदारों और ग्राहकों को बगल में ही खाने-पीने की चौपाटी की स्टॉल रहेगी. उसके सामने झूला-चकरी, मौत का कुआं सहित अन्य मनोरंजन के साधन रहेंगे. एक छोर पर मेला माइन रहेगा. यहां 15 दिवसीय कार्यक्रम होंगे. दुकानदार 2 साल से ठाले बैठे हैं. ऐसे में उनमें जबरदस्त उत्साह है. धीरे-धीरे दुकानदार आ रहे हैं. बूंदी में भी तीज का त्यौहार मनाया जा रहा है और महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए तीज माता की पूजा कर रही हैं. देर रात से ही महिलाओं ने मंगल गीत गाते हुए मेहंदी हाथों में रचाकर हरियाली तीज का व्रत रखा और घरों में पकवान बनाए गए.


सुहागन स्त्रियों ने पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखा और भगवान शिव, माता पार्वती की पूजा कजली तीज के रूप में की. बूंदी में तीज पर विशेष तौर पर गेवर बनाया गया. राज परिवार के महाराजा बलभद्र सिंह ने बताया कि बूंदी में तीज को जयपुर से लूटकर राजा बलवंत सिंह लाये थे जब से ही तीज का विशेष महत्व है और इस संस्कृति को राजपरिवार आज दिन तक भी जिन्दा रखे हुए है. लोगों को इस संस्कृति से रूबरू करवाने के लिए शाही ठाट से सवारी को निकाला गया और पूजा की गयी. रानी रोहणी और मयूरी सिंह हाडा ने बताया कि इस दिन महिला सज धजकर शृंगार करती हैं और व्रत रखकर तीज माता की पूजा करती हैं. 


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