Rajasthan News: देशभर में बच्चे व युवा आमतौर पर मोबाइल इंटरनेट टीवी से जुड़े हुए नजर आते हैं. जोधपुर में गीता बाल संस्कार शिविर संस्था की ओर से बच्चों को स्कूली शिक्षा के बाद शनिवार व रविवार को गीता आधारित शिक्षा व धार्मिक शिक्षाएं दी जा रही है. संस्था के लोगों का मानना है कि इससे बच्चों का बौद्धिक प्रशासनिक विकास तेजी से होता है. गीता बाल संस्कार शिविर के संयोजक मदन पुगलियां ने बताया कि इस शिविर में 2 साल से लगाकर 14 साल तक के बच्चों को गीता आधारित शिक्षा लेने के लिए आते हैं.


बच्चों को रामायण की चौपाई, भजन, कीर्तन, प्रार्थना व मंत्रोच्चार की शिक्षा दी जाती है. इस शिविर में बच्चों को 17 नियम भी बताए गए हैं. जिनका पालन करना सभी बच्चों को अनिवार्य है. गीता बाल संस्कार शिविर में निशुल्क सेवा भाव से गीता आधारित व धार्मिक शिक्षाएं दी जा रही है.


गीता बाल संस्कार शिविर का आयोजन 2014 में शुरू किया गया था. शुरुआत में घर के आस-पास में रहने वाले 9 बच्चों को गीता आधारित शिक्षा देना शुरू किया गया. अब जोधपुर शहर में 16 से अधिक शिविर शनिवार और रविवार को लगाए जाते हैं. इन शिविरों में करीब 12 सौ से 15 सौ बच्चे पहुंच रहे है. बच्चे यहां पहुंचते हैं. उनको मंत्रोच्चार व गीता के श्लोक की शिक्षा दी जा रही है. इसको सीखने में बच्चों में काफी उत्साह दिख रहा है. गीता बाल संस्कार शिविर में बच्चों को गीता के श्लोक याद है. बच्चे यहां पर श्लोक व मंत्रों पर अंताक्षरी भी खेलते हैं.


बच्चों को गीता के साथ धार्मिक शिक्षा देती है
अवनी राठी ने बताया कि में पिछले 7 सालों से गीता बाल संस्कार शिविर से जुड़ी हुई हूं. अब मेरी शादी हो गई है तो मैंने एक सेंटर जहां मेरा ससुराल है. वहां पर खोल दिया हैं. वहां में बच्चों को गीता आधारित शिक्षा व धार्मिक शिक्षा दे रही है. अवनी राठी ने बताया कि पहले मुझे भी श्लोक याद करने में परेशानी होती थी. लेकिन अब गीता को सभी श्लोक मुझे याद है. मैं बच्चों के साथ अंताक्षरी खेलती हूं और बच्चे को भी श्लोक याद होने लग गए हैं.


धर्म की शिक्षा का मिलना एक अलग ही काम है
अनुराधा बिरला ने बताया कि मेरे दो छोटे बच्चे हैं. दोनों को ही में शिविर में भेज रही हूं. इस शिविर में भेजने के कई सारे फायदे हैं. क्योंकि इस शिविर में बच्चों को 17 नियम बताए गए हैं. अगर हम भी वह नियम पालन नहीं करते हैं. तो बच्चे हमें भी टोक देते हैं. धर्म की शिक्षा का मिलना भी एक अलग ही काम है. बच्चों को सनातन धर्म से जुड़े धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान होना भी जरूरी है.


गीता बाल संस्कार शिविर में बच्चों को यह 17 नियम दिए गए हैं इनका पालन करना अनिवार्य है 
1. प्रणाम करना शनि
2. गंगाजल आचमन करना
3. भगवान सूर्यदेव व तुलसी माँ को अर्घ्य देना
4. सात बार कुंती माता व सीता माता बोलना
5. नित्य पठनीय पांच श्लोक का पाठ करना
6. सामान सुव्यवस्थित रखना
7. नित्य गीता जी का पाठ करना
8. बड़ों का कहना मानना
9. झूठ नहीं बोलना
10. राम-राम लिखना
11. घर बाहर जाते समय चार बार नारायण नारायण बोलना
12. कुछ भी काम करने से पहले श्री हरि लिखना
13. टी. वी. व मोबाईल देखते हुए प्रसाद नहीं पाना
14. प्रसाद झूठा नहीं छोड़ना
15. क्रोध नहीं करना
16. दो समय ब्रश करना
17. सप्ताह में एक बार नाखून काटना


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