Rajastha Latest News: देशभर में महंगाई की मार की वजह से खाने पीने की चीजों के साथ हर चीज महंगी हो रही है. दीपावली पर हर कोई आतिशबाजी के जरिये खुशियां मनाता है. महंगाई का असर पटाखों के बाजार में साफ नजर आ रहा है. पटाखे बनाने में काम आने वाले केमिकल व कच्चे माल की कीमतों में इजाफा होने से पटाखा निर्माता कंपनियों ने पटाखों की कीमतों में 35-40 प्रतिशत इजाफा किया है. इससे पटाखों की कीमतों में तेजी दिखाई दे रही है. कोरोना का असर पूरी तरह खत्म होने की वजह से जोधपुर में कारोबारी कन्हैया लाल ने इस बार व्यापार अच्छा कारोबार होने की उम्मीद जताई हैं.


पटाखों में काम आने वाले केमिकल के दोगने हुए दाम


आतिशबाजी ( पटाखे) बनाने में काम आने वाले रसायन कलमी सोडा, नाइटि्रक एसिड, सल्फर आदि रसायनों का प्रयोग होता है. इन रसायनों के दाम बढ़ गए है. इसके अलावा अन्य आतिशबाजी बनाने वाले कुछ अन्य रसायनों के भी दाम बढ़ गए हैं. रसायनों के दाम दोगुने के करीब हो गए हैं.


बारिश के कारण भी पटाखा बाजार प्रभावित


आतिशबाजी बनाने में काम आने वाले कच्चे माल पर महंगाई का असर कागज-सूतली व पटाखा संबंधित कच्चे माल के अलावा पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों से ट्रांसपोर्ट महंगा हो गया है. यह भी पटाखे महंगे होने का प्रमुख कारण है. जोधपुर में कारोबारी अधिकांश पटाखे तमिलनाडु के शिवाकाशी आदि जगहों से माल लाते हैं. इस बार शिवाकाशी में भारी बारिश की वजह से पटाखे कम बने है व इससे सप्लाई पर असर पड़ा है.


बैरियम केमिकल पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक


पटाखे बनाने में काम आने वाले प्रमुख बैरियम केमिकल से आमजन के स्वास्थ्य, आंखों पर दुष्प्रभाव सामने आए थे व लोगों को सांस की तकलीफ भी होने लगी. सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों में इस केमिकल के उपयोग को सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंधित कर दिया. ग्रीन पटाखों से स्वास्थ्य व पर्यावरण को कम नुकसान सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर बैरियम केमिकल पर रोक के साथ ही ग्रीन पटाखों व ग्रीन केमिकल से बने पटाखों के बेचने खरीदने व उपयोग के निर्देश दिए थे. ग्रीन पटाखों से विशेष नुकसान नहीं होता है व यह पर्यावरण को भी ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाते व कम धुआं छोड़ते हैं.


पटाखों के होलसेल व्यापारी कन्हैया लाल ने बताया कि आतिशबाजी के काम आने वाले पटाखों की कीमते कंपनी की ओर से बढ़ा दी गई जिसके चलते पटाखों की होलसेल दरों में बढ़ोतरी की गई है. इसी के अनुसार ग्राहकों को पटाखों की बिक्री की जाएगी.


प्रमुख पटाखें और उनकी होलसेल दरे-:


पटाखा         पुरानी कीमत       दरें बढ़ने के बाद कीमत
हीरा कोटी          37-42                  62-67
जमीन चकरी      38-54                 95-120
कोटे छोटे-बड़े     70-350               90-600
फूलझडी           30-37                  42-50


पटाखे की दुकान पर पटाखे खरीदने आए ग्राहक गोमाराम ने बताया पटाखे महंगे हो गए हैं इसलिए बच्चों के लिए ही खरीदारी कर रहे हैं बच्चों की खुशियों को कैसे रोक सकते हैं पटाखों के बगैर दीपावली अधूरी है.


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