जोधपुर मुख्य चुनाव आयोग के निर्देश के बाद देशभर के कई राज्यों में SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया तेजी से चल रही है. इसी के तहत राजस्थान में भी हजारों सरकारी स्कूल अध्यापकों को BLO (Booth Level Officer) की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसी जिम्मेदारी को निभाने के दौरान जोधपुर के एक BLO के साथ गंभीर हादसा हो गया, लेकिन हैरानी की बात यह है कि वह अब भी ड्यूटी कर रहे हैं.

Continues below advertisement

50 वर्षीय सरकारी शिक्षक यशवर्धन चौहान को एसआईआर की ड्यूटी में बीएलओ की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. फील्ड वेरिफिकेशन के दौरान ही उनके साथ हादसा हो गया. जोधपुर के शिप हाउस क्षेत्र में 15 नवंबर को BLO यशवर्धन सिंह चौहान का एक्सीडेंट हो गया था. 

सीने पर चढ़ गया था ट्रैक्टर का पहिया

जानकारी के अनुसार,फील्ड वेरिफिकेशन के दौरान अचानक एक कार ने उन्हें टक्कर मार दी. टक्कर से वे सड़क पर गिर पड़े और तभी पीछे से आ रहे एक ट्रैक्टर का पहिया उनके सीने पर चढ़ गया. हादसे में उनकी दो पसलियां टूट गईं. 

Continues below advertisement

डॉक्टरों ने उन्हें आराम की सलाह दी है, लेकिन निर्वाचन कार्य को पूरा करने के चलते वे अब भी फील्ड और ऑनलाइन प्रक्रिया में जुटे हुए हैं. 

सुबह 9 से शाम 7 तक फील्ड में ड्यूटी 

एसआईआर फॉर्म भरवाने के लिए बीएलओ सुबह 9.00 बजे फील्ड पर निकलते हैं और शाम 7.00 बजे तक फील्ड में ही रहते हैं. इसके बाद देर रात तक उन्हें ऑनलाइन एंट्री करनी होती है. 

यशवर्धन ने खुद बताया कि सुबह 9.00 बजे वे घर से निकल जाते हैं लगभग शाम 7.00 बजे तक फील्ड में ही काम रहता है. ऑनलाइन प्रक्रिया तो रात को ही होती है, क्योंकि दिन में सर्वर इतना व्यस्त रहता है कि अपडेट नहीं हो पाते. 

टूटी पसलियों पर मेडिकल बेल्ट बांधकर काम कर रहे BLO

उन्होंने बताया कि हादसे के बावजूद वे पसलियों पर मेडिकल बेल्ट बांधकर और दर्द की दवा लेकर लगातार ड्यूटी कर रहे हैं. परिवार को इस बात की चिंता है कि डॉक्टर ने आराम करने को कहा है फिर भी यशवर्धन काम कर रहे हैं. 

यशवर्धन सिंह चौहान की माता जी ने बताया, “हमें तो पहले पता ही नहीं चला कि इसका एक्सीडेंट हो गया है. डॉक्टर ने इसे आराम करने को कहा है, लेकिन यह लगातार काम कर रहा है. दर्द कम करने के लिए दवा ले लेता है और बेल्ट बांधकर फील्ड में निकल जाता है.”

मानवीय दृष्टिकोण और सुरक्षा

यह मामला बताता है कि निर्वाचन प्रक्रिया की मजबूरियों के बीच कई कर्मचारी जोखिम उठाकर काम कर रहे हैं. प्रशासन को ऐसे मामलों पर तुरंत संज्ञान लेने और घायल कर्मचारियों को चिकित्सीय अवकाश, सहयोग और अतिरिक्त BLO व्यवस्था पर विचार करने की जरूरत है.