JEE Mains 2024 Toppers: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से जेईई मेंस 2024 के परिणाम बुधवार (24 अप्रैल) की रात को जारी कर दिया गया. परिणामों में एक बार फिर कोटा के स्टूडेंट्स ने बाजी मारी है. देर रात जारी परिणाम के मुताबिक टॉप 5 में कोटा के स्टूडेंट भी शामिल हैं. 


जेईई मेंस में नीलकृष्ण ने आल इंडिया में पहला रैंक हासिल किया. इसी क्रम में दक्षेस संजय मिश्रा ने दूसरी रैंक हासिल की जबकि कोटा से कोचिंग करने वाले आदित्य कुमार ने पूरे देश में चौथी रैंक हासिल की है.  


रिकॉर्ड 14 लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने दी परीक्षा 
एक्सपर्ट अमित आहुजा ने बताया कि परीक्षा में 14 लाख 76 हजार 557 ने रजिस्ट्रेशन करवाया. इसमें से 14 लाख 15 हजार 110 विद्यार्थियों परीक्षा में शामिल हुए. यह संख्या जेईई मेंस के इतिहास में अब तक सबसे अधिक है. दोनों सेशन में कुल 10 लाख 67 हजार 959 कॉमन विद्यार्थियों ने परीक्षा दी. 


'डाउट क्लीयर होने तक पूछते रहो' 
पहली रैंक हासिल करने वाले नीलकृष्ण रेगुलर क्लासरूम स्टूडेंट हैं. नीलकृष्ण ने जेईई-मेंस में आल इंडिया रैंक-01 प्राप्त अपने परिवार का नाम रौशन किया. किसान परिवार के बेटे नील ने इससे पहले जेईई-मेंस जनवरी में 100 पर्सेन्टाइल स्कोर और परफेक्ट स्कोर 300 में से 300 अंक हासिल किए हैं. 


नील ने बताया कि उनका बचपन महाराष्ट्र के अकोला के नजदीक वाशिन जिले के बेलखेड़ में बीता. यहां उन्होंने कक्षा 4 तक पढ़ाई की. इसके बाद कक्षा 5 से 10वीं तक जेसीआई स्कूल कांरजलाड में पढ़ाई की, फिर 11वीं में कोटा में एडमिशन लिया. पिता पेशे से किसान हैं और उनका परिवार खेती पर निर्भर है. परिवार के सामने आर्थिक चुनौतियां भी रही हैं. 


नीलकृष्ण के मुताबिक, जब उन्होंने कोटा में एडमिशन लिया तो 75 फीसदी स्कॉलरशिप मिली. उन्होंने बताया कि यही वजह है कि वह जेईई मेंस की तैयारी करने और इतनी बड़ी कामयाबी हासिल करने में कामयाब रहे. नीलकृष्ण ने इस सफलात का क्रेडिट अपने पैरेंट्स को देते हुए बताया कि पापा-मम्मी ने मेरी पढ़ाई जारी रखने के लिए अपनी कई जरूरतें पूरी नहीं की. उन्होंने हमेशा मुझे मोटिवेट किया. कई बार टेस्ट में नंबर कम आते तो मुझे हिम्मत देते और आगे की तैयारी अच्छे से करने की नसीहत देते थे.


जेईई मेंस परीक्षा की कैसे करें तैयारी?
भविष्य की योजनाओं का खुलासा करते हुए नीलकृष्ण ने  बताया कि उन्हें फिजिक्स में रिसर्च में जाना है, इसीलिए उन्होंने जेईई टारगेट किया है. परीक्षा की तैयारियों को लेकर उन्होंने बताया कि सब्जेक्ट वाइज तैयारी की बात करें तो मैं फिजिक्स क्लास नोट्स को रेफरेंस की तरह लेते हुए पढ़ता हूं. फिजिकल केमिस्ट्री को भी ऐसे ही पढ़ता हूं. इनआर्गेनिक केमिस्ट्री को नोट्स रिव्यू करके और आर्गेनिक केमिस्ट्री के नोट्स और प्रोब्लम सॉल्व करके सीखता हूं. मैथ्स में प्रैक्टिस ज्यादा से ज्यादा होनी चाहिए. 


अपनी सफलता का राज बताते हुए नीलकृष्ण ने बताया कि एक स्टूडेंट को ज्यादा से ज्यादा जानने की इच्छा रखनी चाहिए और जब तक सवाल का हल समझ नहीं आ जाता तब तक पूछते रहना चाहिए. पूछने में शर्म नहीं करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि वह हर रोज 10 से 12 घंटे तक सेल्फ स्टडी करते हैं. अब उनका पूरा फोकस जेईई एडवांस्ड पर है. नीलकृष्ण कहा कि वह आईआईटी मुंबई की सीएस ब्रांच से बीटेक करना चाहते हैं. 


'खेल लक्ष्य साधने के लिए सिखाता है एकाग्रता'
पढ़ाई से हटकर अपने शौक के बारे में नीलकृष्ण ने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ मैं आर्चरी भी खेलता हूं. स्टेट और नेशनल टूनार्मेंट तक खेल चुका हूं. यह खेल मुझे लक्ष्य साधने के लिए एकाग्रता सिखाता है. उन्होंने कहा कि वह साउथ इंडियन फिल्म देखने के शौकीन हैं, एग्जाम के बाद या सप्ताह में एक बार फिल्म देखता हूं.


एस्ट्रो फिजिक्स में करियर बनाना चाहते हैं आदित्य 
जेईई मेंस में ऑल इंडिया रैंक- 04 आदित्य कुमार पिछले दो साल से कोटा में रेगुलर क्लासरूम स्टूडेंट हैं. आदित्य ने जेईई मेंस में परफेक्ट स्कोर 300 में से 300 अंक प्राप्त कर ऑल इंडिया रैंक -04 हासिल की है. आदित्य ने बताया कि मैं रोजाना 8 से 9 घंटे सेल्फ स्टडी करता हूं. उन्होंने बताया कि समय-समय पर जो टेस्ट होते थे, उनको लेकर काफी सीरियस रहता था, क्योंकि टेस्ट से ही आप खुद का एनालिसिस कर पाते हैं. 


आदित्य कुमार ने बताया कि अगर किसी टेस्ट में नंबर कम आते थे, तो कोशिश रहती थी कि अगले टेस्ट में उन गलतियों को दोबारा रिपीट न करूं. इससे पहले 10वीं क्लास में 97.8 नंबरों के साथ पास कर चुके हैं. फिलहाल उनका फोकस जेईई एडवांस्ड पर है. उन्होंने बताया कि मैं आईआईटी मुंबई की सीएस ब्रांच से बीटेक करने के बाद एस्ट्रोफिजिक्स के क्षेत्र में जाना चाहता हूं.


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