Rajasthan Latest News: राजस्थान सरकार ने गर्भवती महिला का खुले में प्रसव होने के मामले में जयपुर (Jaipur) के सरकारी कावंटिया अस्पताल के तीन रेजीडेंट डॉक्टरों को गुरुवार (4 अप्रैल) को निलंबित कर दिया. साथ ही मामले में लापरवाही के लिए जिम्मेदार अस्पताल अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.


अतिरिक्त मुख्य सचिव (चिकित्सा शिक्षा) शुभ्रा सिंह ने बताया कि यह मामला सामने आने पर चिकित्सा-शिक्षा विभाग ने तत्काल प्रभाव से जांच समिति गठित की थी. समिति की रिपोर्ट के अनुसार रेजीडेंट मेडिकल डॉ. कुसुम सैनी, डॉ. नेहा राजावत और डॉ. मनोज की गंभीर लापरवाही और संवेदनहीनता सामने आई है.


अस्पताल अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस
उल्लेखनीय है कि जयपुर के कांवटिया अस्पताल में बुधवार को एक गर्भवती महिला को भर्ती नहीं करने पर वह अस्पताल से बाहर आ गई और उसने खुले में बच्चे को जन्म दिया. एक सरकारी बयान में शुभ्रा सिंह ने बताया कि जांच समिति की रिपोर्ट के बाद एसएमएस मेडिकल कॉलेज की अनुशासनात्मक समिति की बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार उक्त तीनों रेजीडेंट डॉक्टरों को निलंबित किया गया है. साथ ही पर्यवेक्षणीय लापरवाही के लिए अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र सिंह तंवर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.


'अस्पताल के गेट पर प्रसव होने का मामला दुर्भाग्यपूर्ण'
शुभ्रा सिंह ने बताया कि बुधवार को जयपुर के कांवटिया अस्पताल में एक महिला का अस्पताल के गेट पर प्रसव होने का मामला दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि मानवीयता से जुड़े चिकित्सकीय पेशे में ऐसे असंवेदनशील व्यवहार की अपेक्षा नहीं की जा सकती है. कांवटिया अस्पताल में खुले में प्रसव मामला संज्ञान में आते ही अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा और स्वास्थ्य ने मामले को गंभीरता लिया. इसके बाद विभाग के उच्च अधिकारियों को तुरंत मौके पर भेजा था गया. साथ ही अगले दिन ही विस्तृत जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति भी गठित की गई थी.



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