Rajasthan News: राजस्थान विश्वविद्यालय में लोकप्रशासन विभाग की 3 टीचर्स ने अपने विभागाध्यक्ष और एक अन्य टीचर पर मीटिंग में अशोभनीय व्यवहार और मानसिक प्रताड़ना करने का आरोप लगाया है. उन्होंने विधिवत इस बाबत राजस्थान विश्व विद्यालय के वीसी और राजस्थान महिला आयोग को एक मार्च 2023 को पत्र भी लिखा था. इतना ही नहीं ये तीन टीचर्स 16 मार्च को राज्यपाल से भी गुहार लगा चुकी हैं. उनकी मांग है संबंधित शिक्षक और विभागध्यक्ष पर उस मामले की गम्भीरता से जांच हो और कार्रवाई की जाए.


इन टीचर्स का कहना है कि ऐसी घटनाएं कई बार हुई हैं. वहीं जब लोक प्रशासन एचओडी प्रोफेसर ओम महला से जब इस मसले पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ भी लिखित रूप से नहीं मिला है. इसलिए वो कुछ नहीं कह सकते हैं. इस मसले पर राजस्थान के वीसी प्रोफेसर राजीव जैन को कई बार फोन और मैसेज भेजा गया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया है. आज इस मामले पर महिला आयोग में सुनवाई होगी. लेकिन सवाल बना हुआ है यह सबकुछ प्रदेश के सबसे बड़े शिक्षा के मंदिर में हो रहा है और विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से मौन बना देख रहा है. 


टीचर ने लगाया यह आरोप 
पहली टीचर ने अपने आरोप पत्र में लिखा है कि मेरे चाइल्ड केयर लीव के दौरान लोक प्रशासन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ओम महला द्वारा 25 फरवरी 2023 को स्टाफ काउंसिल की बैठक बुलाई गई, उसमें मेरी अनुपस्थिति में मेरे लिए चाइल्ड केयर लीव को लेकर के अशोभनीय टिप्पणी की गई. चाइल्ड केयर लीव मेरा विधिक अधिकार है और इसकी मेरे द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन से लिखित स्वीकृति प्राप्त कर ली गई थी. उस पर उनके द्वारा की गई टिप्पणी से में मानसिक रूप से अत्यंत आहत हूं. 


दूसरी टीचर का आरोप
दूसरी टीचर ने आरोप पत्र में लिखा है कि विश्वविद्यालय में सितंबर 2018 से सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत हूं, इससे पूर्व मैंने अप्रैल 2005 से अगस्त 2018 तक एक जिम्मेदार राजकीय अधिकारी के तौर पर कार्य किया है. 25 फरवरी 2023 को लोक प्रशासन विभाग के विभागाध्यक्ष द्वारा महिला मुद्दों पर जिस तरह से बोलने के लिए हमें धमकाया गया, उससे मैं मानसिक रूप से परेशान हूं. आपसे निवेदन है कि इस मामले की गहन जांच करवाई जाए कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए . 


तीसरी टीचर का आरोप
वहीं तीसरी टीचर के द्वारा कुलपति को कुछ ऐसा पत्रा लिखा गया है. 25 फरवरी 2023 को लोक प्रशासन विभाग में स्टाफ काउंसिल की बैठक बुलाई गई. जिसमें 10 शिक्षक सदस्य उपस्थित थे, इस बैठक के दौरान महिला शिक्षिकाओं के अधिकारों को लेकर जिस तरह से चर्चा हुई उससे मैं आहत हूं. उस दिन जिस प्रकार से महिला के गरिमा को नुकसान पहुंचाया गया उसे संबंधित तमाम विवरण मेरे द्वारा पृथक गोपनीय बयान के रूप में दिए गए हैं . आप से अपेक्षित है कि आप इस संवेदनशील गंभीर मुद्दे की प्रशासनिक जांच कराएं कड़ी कार्रवाई करें. 


अब तक कोई एक्शन नहीं 
यह सब हुए एक महीना से ज्यादा हो गया है. उन टीचर्स का आरोप है कि न तो विभागाध्यक्ष पर कोई कार्रवाई हुई और न ही सहायक आचार्य के विरुद्ध कोई कदम उठाए गए. वीसी तो इस मसले पर बोलने को तैयार भी नहीं है. अब यह मामला महिला आयोग पहुंच गया है. जहां आज सुनवाई होनी है.


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