Jodhpur Malai Roti: राजस्थान का दूसरा बड़ा शहर जोधपुर इस शहर की बात हो और मिठाइयों का जिक्र न हो ऐसा कैसे हो सकता है. यहां पर मिठाइयों की बहुत सारी वैरायटी मिल जाएगी. आज हम आपको सभी मिठाइयों में खास मिठाई 'मलाई रोटी' की जानकारी देने वाले हैं, ये दिखने में रोटी जैसी लगती है. हालांकि इसकी मिठास व स्वाद ऐसा होता है कि किसी ने एक बार इसका स्वाद चख लिया तो वह दूसरी बार इसे खाने से नहीं चूकता है. मलाई रोटी आपको जोधपुर की एक ही दुकान पर मिलेगी. पिछले कई सालों से एक ही दुकानदार इस मिठाई को बना रहा है. इस मिठाई को बनाने के लिए कई तरह के फॉर्मूले काम में लिए जाते हैं. इसलिए जब यह मिठाई बनती है वहां पर किसी की भी एंट्री नहीं हो सकती है.


मलाई रोटी के स्वाद की तारीफ़ सुनकर आपका भी इसका स्वाद चखने का मन कर रहा है तो आपको जोधपुर की संकरी गलियों से भीतरी शहर में परकोटे के अंदर अचलनाथ महादेव मंदिर व कुंज बिहारी मंदिर के पास स्थित विजय रेस्टोरेंट आना होगा. दिखने में तो यह एक छोटी सी जगह पर बना हुआ रेस्टोरेंट है. लेकिन यहां का स्वाद देश ही नहीं विदेश में भी इस रेस्टोरेंट के स्वाद को याद किया जाता है. इस रेस्टोरेंट में देशी-विदेशी सैलानियों खास तौर से मलाई रोटी का स्वाद चखने के लिए पहुंचते हैं. 


मिठाई का रेट 1200 रुपए किलो


जोधपुर में इस खास मलाई रोटी मिठाई की शुरुआत एक ठेला पर नाश्ता व आईस क्रीम बनाकर बेचने वाले ने की थी. खाने में काफी स्वादिष्ट लगी तो इसको ग्राहकों के लिए भी बनाना शुरू किया गया. दूध से बनने वाली यह सबसे महंगी मलाई रोटी मिठाई है. अब यह इस रेस्टोरेंट के मेन्यू में सबसे ज्यादा पसंद करने वाली मिठाई बन चुकी है. दूध से बनने वाली इस मलाई रोटी मिठाई को बनाने के लिए 15 किलो दूध में केवल एक से डेढ़ किलो तक मलाई रोटी मिठाई बनती है. एक मलाई रोटी का वजन 100 ग्राम से 150 सौ ग्राम का होता है. इस मिठाई का रेट ₹1200 किलो है.


1982 में पहली बार बनाई गई थी मलाई रोटी


जोधपुर शहर में एकमात्र रेस्टोरेंट में मिलने वाली मलाई रोटी मिठाई सबसे महंगी मिठाई है. इस मिठाई को बनाने की कहानी भी बड़ी रोचक है. रेस्टोरेंट संचालक विजय भाटी के अनुसार उनके पिता जवाहरलाल भाटी ने 1982 में इस मलाई रोटी की रेसिपी को तैयार किया था. दूध को उबालकर मलाई बनाई गई. उस मलाई को ठंडा करके गोल कट कर घी में तला गया. उसके बाद चासनी में डुबो दिया गया. फिर इसे मिठाई की तरह लॉन्च किया गया. शुरुआत में इस मिठाई की डिमांड कम थी. पहले इसे केवल सर्दियों में बनाया जाता था. लेकिन इसके बाद इतनी डिमांड बढ़ गई और हर सीजन में इसे तैयार किया जाने लगा. 


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