हरियाणा के अनंगपुर गांव में शुक्रवार (11 जुलाई) को AAP के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने जानकारी देते हुए बताया कि AAP अनंगपुर गांव में बीजेपी सरकार द्वारा की जा रही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के खिलाफ 13 जुलाई को होने वाली महापंचायत का समर्थन करेगी.

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल अनंगपुर गांव के लोगों के साथ खड़े हैं और महापंचायत में AAP की तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा, 1300 साल पुराने इस ऐतिहासिक गांव में बीजेपी बुलडोजर चलाकर लोगों के घरों को गिरा रही है.

बुलडोजरों से लोगों के घर ध्वस्त किए जा रहे - सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह दिल्ली का नजदीकी गांव है और इसका बड़ा इतिहास भी है. पिछले कुछ दिनों से यहां सरकार ने बड़े पैमाने पर ध्वस्तीकरण किया जा रहा है. बुलडोजरों से लोगों के घर ध्वस्त किए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इससे पहले भी दिल्ली में झुग्गी-झोपड़ियों को तोड़ा गया, फिर अनधिकृत कॉलोनियों में नोटिस आने शुरू हुए. फिर दिल्ली और हरियाणा के देहातों में सैकड़ों साल पुराने गांवों में भी नोटिस आए और डिमोलिशन हुआ.

बुराड़ी स्थित कादीपुर में सैकड़ों नोटिस आए

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जैसे दिल्ली के बुराड़ी स्थित कादीपुर में सैकड़ों नोटिस आए और मटियाला में पोचमपुर गांव में DDA से बड़े स्तर पर डिमोलिशन किया गया.

आज यह स्थिति है कि चाहे झुग्गी-झोपड़ी का गरीब हो, अनधिकृत कॉलोनी का पूर्वांचली भाई हो या दिल्ली-हरियाणा देहात के सैकड़ों साल पुराने बसे गांव हों, उन सभी पर सरकार बुलडोजर चला रही है.

सर्व समाज की 36 बिरादरियों की महापंचायत बुलाई

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आगामी रविवार, 13 जुलाई को अनंगपुर के लोगों ने सर्व समाज की 36 बिरादरियों की महापंचायत बुलाई है. AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर पार्टी का प्रतिनिधिमंडल अनंगपुर की सर्व समाज की महापंचायत में जाएंगे और पूरा समर्थन देंगे

AAP के पूर्व विधायक ब्रह्म सिंह तंवर ने इस मामले पर कहा कि 13 जुलाई को अनंगपुर गांव में बीजेपी सरकार के डिमोलिशन के खिलाफ महापंचायत हो रही है. आसपास और दूर के गांव, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब से लोग, व जम्मू-कश्मीर तक के सर्व समाज के लोग इसमें शरीक होंगे. 

दिल्ली के सभी गांव वहां पहुंचेंगे

सौरभ भारद्वाज ने कहा, दिल्ली के सभी गांव वहां पहुंचेंगे. यह छोटी लड़ाई नहीं है. ये लोग पहाड़ों में क्यों बसे थे? आजादी के संघर्ष में अंग्रेजों के जुल्म के खिलाफ युद्ध कर पहाड़ों में छुपते थे, वहां बस गए.

उन्होंने कहा कि जिन्होंने देश के लिए कुर्बानियां दीं, उनकी जमीन को अब 'रिज' में डालकर सरकार ने कब्जा कर कॉलोनियां काट दीं.