Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात में हो रहे विधानसभा चुनाव में राजस्थान के कांग्रेस विधायक रघु शर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. गुजरात में कांग्रेस प्रभारी होने के नाते उनकी जिम्मेदारी बड़ी है. प्रभारी बनने के लिए उन्होंने बड़ा त्याग किया है. इस पद पर पहुंचने से पहले वे राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. पार्टी में एक व्यक्ति, एक पद सिद्धांत के चलते उन्होंने मंत्री पद छोड़ दिया था. अब पूरी सक्रियता से गुजरात चुनाव की बागडोर संभाल रहे हैं. यह चुनाव उनका भविष्य तय करेगा.


सात चुनावों में से तीन जीते
रघु शर्मा ने अब तक सात चुनाव में भाग्य आजमाया है. तीन चुनाव में जीत हासिल करने में कामयाब रहे लेकिन चार चुनाव हार गए. पहला विधानसभा चुनाव 1990 में लड़ा था. उस वक्त भिनाय सीट पर बीजेपी के सांवरलाल जाट ने 16 हजार 889 वोटों से हराया. इसके बाद विधानसभा चुनाव 1993 में दूसरी बार बीजेपी के सांवरलाल जाट से भिनाय सीट पर 6 हजार 34 वोट से हार गए. वर्ष 1999 में जयपुर से गिरधारी लाल भार्गव के सामने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और एक लाख 41 हजार 790 मतों से हार गए. लगातार तीन बड़े चुनाव हारने के बाद भी जीत के लिए संघर्ष करते रहे और 18 साल बाद विधानसभा चुनाव 2008 में पहली बार जीत नसीब हुई. गृह क्षेत्र केकड़ी में बीजेपी की रिंकू कंवर के सामने 12 हजार 659 वोटों से जीते. एक जीत के बाद विधानसभा चुनाव 2013 में फिर हार गए. बीजेपी के शत्रुघ्न गौतम ने 8 हजार 867 वोटों से हराया. फिर 2018 में लोकसभा का उप-चुनाव जीतकर नया इतिहास रचा. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राजेंद्र विनायका को हराया.


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'गुजरात में बन रही कांग्रेस सरकार'
प्रभारी रघु शर्मा का दावा है कि गुजरात में कांग्रेस की सरकार बनेगी. चुनाव में कांग्रेस पार्टी 125 से ज्यादा सीट जीतेगी. उन्होंने कहा कि पूरे गुजरात में कांग्रेस के पक्ष में माहौल है और 8 दिसंबर को गुजरात में गुजरात की जनता की सरकार, कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने जा रही है. कांग्रेस ने आदिवासियों और दलितों के लिए सत्याग्रह किया. विभिन्न मुद्दों को लेकर कांग्रेस ने 32 साल बाद गुजरात बंद का आह्वान किया. जो पूरी तरह सफल रहा. पिछले 6-8 महीनों से पार्टी कार्यकर्ता डोर टू डोर जाकर कैंपेन कर रहे हैं. हम वही वादे कर रहे हैं जो राजस्थान और छत्तीसगढ़ में लागू कर चुके हैं और उन वादों को हम पूरा करेंगे. गुजरात की जनता को बता रहे हैं कि महंगाई किस तरह खत्म करेंगे. बेरोजगारी कम करने का उपाय क्या रहेगा, भ्रष्टाचार किस तरह काम करेंगे. गुजरात में कोविड से 3 लाख लोगों की मौत हुई थी. भविष्य में ऐसा नहीं हो, इसके लिए रोडमैप तैयार किया है.


'बीजेपी से जनता है नाराज'
शर्मा का कहना है कि इस बार चुनाव के लिए संगठन पूरी तरह मजबूत है. पार्टी ने बूथ तक फोकस कर मैनेजमेंट किया है. हर बूथ पर कार्ड होल्डर 25 कार्यकर्ता लगाए हैं. इसी तरह हर विधानसभा क्षेत्र में 100 मुख्य जन नेता हैं. जिन्हें जन मित्र नाम दिया है. कांग्रेस की इस रणनीति से बीजेपी में चिंता बढ़ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी चिंतित है. गुजरात में हालत यह है कि बीजेपी की यात्राएं फ्लॉप हो रही है. कांग्रेस की यात्राओं में लाखों लोगों का जनसैलाब उमड़ रहा है. बीजेपी सरकार के खिलाफ गुजरात की जनता में गुस्सा है. चुनाव में लोग इन्हें सत्ता से बेदखल करने के लिए तैयार हैं.


गुजरात में कांग्रेस के आठ संकल्प
कांग्रेस का दावा है कि इस बार हो रहे विधानसभा चुनाव में 7 करोड़ गुजराती वोटर सत्ता परिवर्तन के लिए तैयार हैं और केवल कांग्रेस को विकल्प मान रहे हैं. पार्टी ने गुजरात की जनता के लिए आठ संकल्प किए हैं. 500 रुपये में LPG सिलेंडर, 300 यूनिट तक बिजली फ्री, 10 लाख रुपये तक का इलाज और दवाइयां मुफ्त, किसानों का 3 लाख रुपये तक कर्ज माफ, सरकारी नौकरियों में कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम बंद और 300 रुपये बेरोजगारी भत्ता, 3 हजार सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल, को-ऑपरेटिव सोसायटी में दूध पर 5 रुपये प्रति लीटर सब्सिडी, कोरोना से जान गंवाने वाले 3 लाख लोगों के परिवार को 4 लाख रुपये मुआवजा देने का संकल्प किया है.