Gajendra Singh Shekhawat on Ashok Gehlot: पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को लेकर आभार यात्रा निकल जा रही है. इस यात्रा के दूसरे दिन रविवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) ने धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, टोंक और जयपुर जिलो में सभाए कीं. केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि ईआरसीपी से आगामी 40-50 साल तक पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की जनता को पानी की गारंटी मिलेगी.


केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा कि कभी यहां प्रचुरता में जमीन में पानी उपलब्ध रहता था लेकिन अब वह रसातल में चला गया है. पानी का बड़ा संकट पैदा हो गया है. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार नदी जोड़ो परियोजना लेकर आई थी जिसमें पार्वती-काली-सिंध-चंबल भी एक लिंक था लेकिन मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच सहमति नहीं बनी. वर्ष 2004 में अटल सरकार दोबारा नहीं बन पाई और कांग्रेस नेतृत्व में यूपीए सरकार ने इसे 10 साल तक लटका दिया. वर्ष 2016 में वसुंधरा राजे ने इससे हटकर ईआरसीपी की परिकल्पना की लेकिन 2018 में दुर्भाग्य से उनकी सरकार चली गई.


'कमलनाथ ने समझौते से कर दिया था मना'- गजेंद्र शेखावत
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 2018-19 में मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी. राजस्थान के पूर्व सीएम गहलोत साहब को हमने लिखा कि आप मध्य प्रदेश से समझौता कर लीजिए. हम आपकी ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के लिए आगे बढ़ेंगे लेकिन जनवरी 2019 में गहलोत साहब को चिट्ठी लिखकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कह दिया कि यह मध्य प्रदेश के हित में नहीं है. हम कोई समझौता नहीं करेंगे.


केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि उसे समय से पूर्व सीएम अशोक गहलोत ईआरसीपी को राजनीतिक भस्मासुर की तरह खड़ा कर रहे थे. मुझे और प्रधानमंत्री मोदी को कटघरे में खड़ा कर रहे थे. मैं पीएम मोदी के पास गया. उनसे निवेदन किया कि तकनीकी कमी राजस्थान पूरा करता नहीं है. हमको अपराधी बनाने के लिए काम करता है. उस समय प्रधानमंत्री ने कहा था कि कुछ नया सोचो और आगे बढ़ो. हम पीकेसी-ईआरसीपी को कैसे जोड़ सकते हैं इसको लेकर देशभर के पानी को समझने वाले इंजीनियर को बुलाया. तब यह नया रास्ता निकाला.


उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले अलवर से लेकर जयपुर समेत सभी 13 जिलों की यात्रा की थी. मैंने बताया था कि कैसे राजस्थान की गहलोत सरकार आरसीपी को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है. कैसे करोड़ों लोगों के सूखे कांटो और लाखों किसानों के साथ राजनीति की जा रही है.


केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान की परिस्थितियों को देखते हुए हमने यहां सबसे ज्यादा संसाधन उपलब्ध कराए गए, लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार के लिए गरीब के जीवन में परिवर्तन लाना या उसके लिए योजना बनाना प्राथमिकता नहीं थी. उनके लिए प्राथमिकता थी कि वोट बैंक किस तरह से बढ़ाया जा सकता है. अशोक गहलोत ने केवल योजनाओं को लटकाने और अटकाने का काम किया है. हमने राजस्थान को 27000 करोड़ रुपए दिए थे लेकिन उन्होंने मात्र 6000 करोड़ ही खर्च किए जिसमें भी भ्रष्टाचार का तूफान खड़ा करने का काम किया. प्रदेश की जनता ने उनको सजा दी और सत्ता की कुर्सी से खींच कर पटक दिया. 


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