Kota Coronavirus Update: राजस्थान में कोरोना के बढ़ते मामलों ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. कोरोना के नए वैरिएंट जेएन-1 संक्रमित मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है. इसे देखते हुए चिकित्सा विभाग ने इसकी रोकथाम और नियंत्रण के लिए जरूरी तैयारियां शुरू कर दी हैं. स्वास्थ्य विभाग ने एहतियातन जिले के सभी अस्पतालों में जरूरी चिकित्सकीय उपकरण, संसाधन और उपचार संबधी व्यवस्थाओं को क्रियाशील और सुचारू रखने के निर्देश दिए हैं. इसी उद्देश्य से राज्य स्तर से मिले निर्देश पर कोटा जिले के मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केद्रों, प्राथमिक, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, रेलवे, ईएसआई हॉस्पिटल और 9 प्राईवेट अस्पतालों में मॉक ड्रिल का आयोजन कर आवश्यक व्यवस्थाएं जांच पड़ताल की गई.


सीएमएचओ डॉ. जगदीश कुमार सोनी ने बताया कि मॉकड्रिल के दौरान अस्पतालों में बेड की उपलब्धता आईसोलेशन बेड, ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, आईसीयू बेड, वेंटीलेटर बेड, कोविड उपचार संबधी दवाईयों की उपलब्धता, मेन पॉवर और उसकी क्षमता, रैफरल सुविधा (एम्बुलेंस), जांच सुविधा, लॉजिस्टिक, मेडिकल ऑक्सीजन, टेलीमेडिसिन सुविधा की जांच की गई. इसके अलावा जिले की भौगोलिक स्थिति के अनुसार चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता, रिपोर्टिंग आदि बिन्दुओं पर निरीक्षण और आंकलन कर रिपोर्ट तैयार की.


'कोरोना गाइडलाइन के तहत काम के निर्देश'
कोटा में कोरोनो से संक्रमित मरीज मिलने के बाद चिकित्सा विभाग अलर्ट हो गया है. जिसके बाद प्रशासन ने सभी बड़े अस्पतालों और अन्य जगहों पर चिकित्सा सेवाओं की जांच की. कई जगह मॉक ड्रिल के माध्यम से इक्विपमेंट भी चेक किए गए तो चिकित्सकीय टीम की भी परीक्षा ली गई. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जगदीश सोनी ने बताया कि कोरोना की गाइडलाइन के तहत कार्य करने के लिए चिकित्सक के साथ ही नर्सिंग स्टाफ को भी निर्देशित किया जा रहा है. इस दौरान अधिकारियों को कोरोना से बचावा के लिए सभी जरुरी कदम उठाने को कहा गया है. 


'गंभीर स्थिति के लिए किया गया मॉक ड्रिल'
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जगदीश सोनी के मुताबिक, कोरोना की गंभीर स्थिति पैदा होने पर किस तरह से संभाला जाएगा, उसकी मॉक ड्रिल की गई है. अस्पतालों में ऑक्सीजन के साथ ही कोरोना से संबंधित दवाइयां बेड मास्क सहित अन्य चीजों को चेक किया गया है और उन्हें निर्देशित किया गया है. उन्होंने निर्देश दिए कि इससे बचाव के लिए चिकित्सा विभाग के सभी कर्मचारी और मेडिकल स्टॉफ मास्क लगाए, सैनिटाइजर का प्रयोग करें, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें और लोगों को भी जागरुक करें. 


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