देश में एस समय जहरीली कफ सिरप का मामला गरमाया हुआ है. राजस्थान में खांसी की दवा पीने के बाद 3 बच्चों की मौत और कई अन्य के बीमार पड़ने की घटना ने कई तरह के गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. 

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कांग्रेस महासचिव और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा कि दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना दोबारा न हो और बच्चों की जिंदगी खतरे में न पड़े, इसके लिए पारदर्शी जांच अनिवार्य है.

खांसी सिरप पर न्यायिक जांच की मांग

सचिन पायलट ने कहा कि सरकार को इस मामले में निष्पक्ष जांच करानी चाहिए ताकि जिम्मेदार लोगों की पहचान हो और सख्त कार्रवाई हो. उन्होंने जोर दिया कि लोगों का विश्वास दवाओं को लेकर कायम रहना जरूरी है. बड़ी संख्या में लोग बच्चों के इलाज के लिए इन्हीं दवाओं पर भरोसा करते हैं, लेकिन इस तरह की घटनाओं से विश्वास डगमगा सकता है. सचिन पायलट ने स्पष्ट किया कि सरकार को संवेदनशीलता दिखाते हुए कठोर कदम उठाने चाहिए.

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NSUI कार्यकर्ताओं से मुलाकात पर रोक

सचिन पायलट रविवार को जयपुर सेंट्रल जेल पहुंचे, जहां उन्होंने NSUI के प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ और अन्य कार्यकर्ताओं से मिलने की कोशिश की. ये सभी छात्र 30 सितंबर को राजस्थान यूनिवर्सिटी में आरएसएस कार्यक्रम के दौरान हुए हंगामे के मामले में गिरफ्तार किए गए थे. हालांकि, जेल प्रशासन ने पायलट को आरोपियों से मिलने की अनुमति नहीं दी. इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए इसे सरकार और पुलिस की तानाशाही बताया.

आरएसएस कार्यक्रम और विपक्ष का विरोध

पायलट ने आरएसएस के शस्त्र पूजन कार्यक्रम को गलत बताते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी में वैचारिक चर्चा होनी चाहिए, न कि ऐसे कार्यक्रम. उन्होंने कहा कि एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया, लेकिन उन्हें बर्बरता से पीटा गया और उन पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज किए गए. पायलट ने आरोप लगाया कि दलित छात्रों को खासतौर पर टारगेट कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है.