विपक्ष की ओर से लगाई गई वोट चोरी का आरोप के बाद सियासत लगातार गरमाती जा रही है. कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने 20 सितंबर को निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आयोग बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम हटाए जाने के दावों की अनदेखी कर रहा है. 

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पायलट ने आरोप लगाया कि आयोग बिना उचित जांच किए कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने पर तुले हुए हैं. उन्होंने से भी साफ किया कि राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ के ठोस सबूत प्रस्तुत किए हैं, लेकिन आयोग न तो इस पर कोई प्रतिक्रिया दे रहा है और न ही किसी जांच की पहल कर रहा है.

मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप

सचिन पायलट ने कहा कि मतदाता सूची के साथ सुनियोजित तरीके से छेड़छाड़ की जा रही है. उनका कहना है कि करोड़ों वैध वोट या तो हटा दिए गए हैं या गलत तरीके से चिह्नित किए गए हैं. पीटीआई के अनुसार, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि ऐसी गतिविधियां जारी रहीं, तो लोकतंत्र में जनता का भरोसा खत्म हो सकता है.

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सचिन पायलट ने जोर देकर कहा कि निष्पक्ष चुनाव कराना संवैधानिक जिम्मेदारी है और किसी भी तरह की अनियमितता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

कांग्रेस ने पूरे देश में अभियान शुरू किया- सचिन पायलट

सचिन पायलट ने बताया कि कांग्रेस ने मतदाता सूची में गड़बड़ियों को उजागर करने के लिए पूरे देश में अभियान शुरू किया है. इस अभियान का उद्देश्य यह है कि हर नागरिक को अपने मतदान अधिकार की जानकारी हो और कोई भी वोट अनजाने में प्रभावित न हो. पायलट ने कहा कि पार्टी सक्रिय रूप से आयोग के सामने सबूत पेश कर रही है और जनता के बीच जागरूकता फैलाने का काम कर रही है.

केंद्र सरकार की विदेश नीति पर निशाना

सचिन पायलट ने मतदान और निर्वाचन आयोग के मुद्दों के अलावा केंद्र की विदेश नीति की आलोचना भी की. उन्होंने कहा कि सऊदी अरब और पाकिस्तान जैसे देशों के साथ कूटनीति में केंद्र सरकार कमजोर रही है. साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति की टैरिफ घोषणाओं के समय राहत उपायों में देरी होना भी चिंता का विषय है. पायलट ने कहा कि अगर सरकार इस तरह की नीतियों में सुधार नहीं करती, तो भारत के वैश्विक संबंध और आर्थिक हित प्रभावित हो सकते हैं.