Rajasthan Lok Sabha Elections: राजस्थान लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जिन उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी, उनमें से एक प्रत्याशी ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. राजसमंद लोकसभा सीट से कांग्रेस ने सुदर्शन सिंह रावत को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन अब रावत ने चुनाव मैदान में उतरने से मना कर दिया है. इसकी क्या वजह है, यह अभी तक पता नहीं चल सका है.


जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले जयपुर शहर लोकसभा सीट से सुनील शर्मा का टिकट भी बदला गया था और उनकी जगह प्रताप सिंह खाचरियावास को चुनावी मैदान में उतारा गया था. 


टिकट की घोषणा के बाद से ही नहीं था किसी से संपर्क


गौरतलब है कि राजस्थान के सियासी गलियारों में कांग्रेस उम्मीदवार सुदर्शन सिंह रावत के लापता होने की सूचना तेजी से फैल रही थी. रावत को कांग्रेस ने राजसमंद से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन सुदर्शन कहां हैं? इस बारे में किसी को पता नहीं था. उनका मोबाइल फोन भी कई दिन से नॉट रिचेबल बताया जा रहा था. जब से टिकट की घोषणा हुई, उसके बाद से ही रावत किसी के संपर्क में नहीं हैं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी किसी तरह की कोई पोस्ट नहीं की. 


इस बात से जहां एक ओर कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी को निशाना साधने का मौका मिल गया है. अब पार्टी राजसमंद से प्रत्याशी बदलने की तैयारी कर रही है. 


इस बारे में मीडिया ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम अशोक गहलोत से सवाल किया तो उन्होंने जवाब दिया कि यह कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी मामला है.


सियासी परिवार से रखते हैं ताल्लुक
ब्यावर में रहने वाले कांग्रेस नेता सुदर्शन सिंह रावत सियासी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. हाल ही अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में भीम से कांग्रेस विधायक रहे हैं. इनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत भी भीम से तीन बार विधायक और कांग्रेस शासन में गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं. दादा मेजर फतेह सिंह भी विधायक रह चुके हैं. रावत-राजपूत बाहुल्य इलाका होने के कारण कांग्रेस ने इन्हें राजसमंद लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था.


बीजेपी ने महिमा को बनाया उम्मीदवार
राजसमंद लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी ने महिला उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा है. भाजपा ने यहां मेवाड़ पूर्व राजघराने की बहू महिमा कुमारी को प्रत्याशी बनाया है. वे नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ की पत्नी हैं. महिमा कुमारी नया चेहरा हैं. राजपरिवार की बहू होने के कारण बीजेपी को राजपूत वोटों का फायदा मिल सकता है. इस सीट पर पिछले दो सांसद भी राजपूत रहे हैं. 2014 में हरिओम सिंह राठौड़ (Hariom Singh Rathore) और 2019 में दिया कुमारी (Diya Kumari) ने लोकसभा चुनाव जीता था.


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