Congress News : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Congress) ने उदयपुर (Udaipur News) के चिंतन शिविर में क्षेत्रीय दलों से तीन बड़े मुद्दे छीनने की कोशिश करती दिखी. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और बिहार (Bihar) के क्षेत्रीय दल अक्सर यह मांग उठाते रहे हैं कि निजी नौकरियों में आरक्षण (Reservation In Private Jobs) की व्यवस्था की जाए. इसके अलावा महिला आरक्षण के मुद्दे पर अपने राजनीतिक दलों की मांग रही है कि कोटा में भी कोटा का प्रावधान हो. इस मुद्दे पर भी कांग्रेस ने बड़ा नीतिगत फैसला किया है. इसके अलावा कांग्रेस की समिति ने सिफारिश की है कि पार्टी, जातीय जनगणना का समर्थन करे.


महिला आरक्षण में 'कोटा के भीतर कोटा' की सिफारिश
महिला आरक्षण की बात करें तो पार्टी ने महिला आरक्षण के तहत ‘कोटा के भीतर कोटा’ को लेकर अपने रुख में बदलाव करते हुए कहा कि वह महिलाओं को लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण देने के साथ-साथ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी की महिलाओं का अलग कोटा तय करने के पक्ष में है.


साल 2010 में यूपीए -2 के दौरान महिला आरक्षण पर राज्यसभा में विधेयक पारित होने पर कांग्रेस ने ऐसी मांगों का विरोध किया था. उस वक्त राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाइटेड और समाजवादी पार्टी कोटा के भीतर कोटा के पक्ष में थे. उन्होंने सदन में विधेयक में पेश करते समय भी यह मांग की थी लेकिन कांग्रेस ने उनकी मांग खारिज कर दी थी.


निजी नौकरियों में आरक्षण पर यह मांग
वहीं निजी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद और के राजू ने शनिवार को कहा था कि सामाजिक न्याय के विषय पर गठित कांग्रेस का पैनल कांग्रेस कार्य समिति यानी CWC को संगठन के भीतर सभी स्तरों पर 50% सीटें आरक्षित करने और निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण के लिए जोर देने की सिफारिश करेगा.


यूपीए सरकार में मंत्री रहे खुर्शीद ने निजी नौकरियों में आरक्षण की मांग के संदर्भ में तर्क दिया कि “बीजेपी सरकारी कंपनियों को बेच रही है. इसके जरिए वह नौकरियों में आरक्षण को कमजोर करने की कोशिश रही है. हम पिछड़े वर्ग के हितों की रक्षा के लिए निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं."


जातिगत जनगणना पर भी कांग्रेस की मांग
इसके साथ ही जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भी कांग्रेस अपनी रणनीति स्पष्ट करती नजर आई. पार्टी के पैनल ने सिफारिश की है कि जातिगत जनगणना की मांग को पार्टी अपना समर्थन करे. इसी साल मार्च में यूपी में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी ने भी जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया था. इसके अलावा बिहार में भी राष्ट्रीय जनता दल और जदयू भी इस मुद्दे पर सहमत होते दिख रहे हैं. बिहार के सीएम नीतीश कुमार कह चुके हैं कि राज्य में इस मुद्दे पर सभी दलों की एक बैठक होगी जिसके बाद निर्णय लिया जाएगा.


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