Churu News: चूरू की तारानगर विधानसभा क्षेत्र में अखिल भारतीय किसान सभा का आंदोलन उग्र हो गया. कृषि उपज मंडी में विशाल जनसभा के बाद किसान एकजुट होकर प्रदर्शन करते हुए उपखण्ड कार्यालय पहुंचे और पुलिस के लगाए बेरिकेड्स को तोड़ जबरन घुसने का प्रयास किया. इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. आंदोलन में शामिल महिलाओं को महिला पुलिस ने बाल पकड़ पकड़ कर डंडों से पीटा. पुलिस ने एसडीएम कार्यालय में घुसने का प्रयास असफल बना दिया.


हजारों किसानों ने हाईवे जाम कर दोबारा शुरू की जनसभा


हजारों की तादाद में नाराज किसानों ने सड़कों पर उतरकर दिल्ली-सादुलपुर-सरदारशहर हाईवे जाम कर दोबारा सभा शुरू कर दी. कॉमरेड निर्मल कुमार ने बताया कि मांगें पूरी होने तक धरना जारी रहेगा. आंदोलनकारी किसानों ने राज्य और केंद्र  सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. कॉमरेड अमराराम, भादरा विधायक बलवान पूनियां, तारानगर विधानसभा प्रत्याशी निर्मल प्रजापत, भूमि बिरमी ने धरने को संबोधित किया.


20 सूत्री मांगों को लेकर 99 दिनों से चल रहा धरना प्रदर्शन


आपको बता दें कि 20 सूत्री मांगों को लेकर पिछले 99 दिनों से किसान तारानगर में धरने पर बैठे हैं.  बीमा क्लेम सहित किसानों की 20 सूत्री मांगों को लेकर उपखंड कार्यालय के आगे दिया जा रहा धरना कृषि उपज मंडी से 'घेरा डालो, 'डेरा डालो' सभा में बदल गया. सभा में हजारों किसान पहुंचने लगे. किसानों की सभा के बाद प्रशासनिक अधिकारी ने वार्ता की लेकिन क्रॉप कटिंग सार्वजनिक करने की मांग पर सहमति नहीं बनने से बातचीत नाकाम हो गई.


कब्जे की आशंका में सरकारी कार्यालयों पर लगाए गए ताले


किसानों के सरकारी कार्यालयों पर कब्जे की आशंका से प्रशासन ने अधिकांश सरकारी कार्यालय को बंद करा दिया और पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है. पुलिस प्रशासन ने तहसील कार्यालय, पानी, बिजली, आंगनबाड़ी, पंचायत समिति सहित अन्य कार्यालय बंद करवा दिए. एसडीएम कार्यालय को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया. मुख्य गेट के आगे बैरिकेड्स लगा दिए गए.


आरएसी, पुलिस बल, स्पेशल पुलिस, दमकल, वाटर कैनन सहित सभी साधनों को एहतियातन मोर्चे पर लगा दिया गया है. किसानों की क्रॉप कटिंग रिपोर्ट को सार्वजनिक करने, खरीफ फसल बीमा 2021 की क्रॉप कटिंग रिपोर्ट में रद्द किए गए जिले के 181 पटवार मंडलों को शामिल करने, संपूर्ण कर्ज माफी करने, जल के काटे गए रकबे को जोड़कर निर्माण के लिए बजट देने, पिछले वर्षों का बकाया, फसल बीमा क्लेम दिलवाने, फसल बीमा प्रीमियम कटौती से वंचितों के लिए पोर्टल दोबारा खुलवाने सहित 20 सूत्री मांगें हैं.