Chetan Dudi Attack On Sachin Pilot: जनसंघर्ष यात्रा (Jan Sangharsh Yatra) के पांचवें दिन सोमवार (15 मई) को जयपुर (Jaipur) में हुई जनसभा में सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने आरपीएससी (RPSC) को भंग कर पुनर्गठन करने के साथ नया कानून और मापदंड बनाकर पारदर्शिता से चयन करने की मांग की. सचिन पायलट की यह मांग सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) गुट के विधायक चेतन डूडी (Chetan Dudi) को नागवार गुजरी. उन्होंने इस मुद्दे को लेकर सचिन पायलट पर हमला बोला है.


उन्होंने कहा "आरपीएससी को भंग करने की मांग पूरी तरह से अप्रायोगिक और समझ से परे है. सचिन पायलट युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं क्योंकि आरपीएससी स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है. जो कभी भी भंग नहीं की जा सकती. यहां तक कि आरपीएससी सदस्य का इस्तीफा भी राष्ट्रपति द्वारा मंजूर होता है."


यह है आरपीएससी का स्वरूप
आयोग एक संवैधानिक संस्था है जिसका उल्लेख संविधान के भाग 14 में अनुच्छेद 315 से 323 तक है. आरपीएससी में एक अध्यक्ष और 7 सदस्य होते हैं, जिनकी नियुक्ति मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल द्वारा की जाती है. इनका कार्यकाल 6 वर्ष और 62 वर्ष की उम्र तक होता है. आयोग में कम से कम आधे सदस्यों का संघ या राज्य की लोक सेवाओं से होना अनिवार्य है, जबकि आधे सदस्य शिक्षाविद, वकील, राजनेता और समाजसेवक हो सकते हैं. आरपीएससी के वर्तमान अध्यक्ष संजय कुमार श्रोत्रिय हैं. आयोग में तीन सदस्यों के पद खाली है, जबकि इसके सदस्य बाबूलाल कटारा पर जांच प्रक्रियाधीन है.


अध्यक्ष और सदस्य अपना त्यागपत्र राज्यपाल को दे सकते हैं, लेकिन आरपीएससी के सदस्यों को हटाने की शक्ति राष्ट्रपति के पास है. राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालय की जांच के बाद सदस्यों को  कदाचार, पद का दुरुपयोग, दिवालियापन, लाभ का पद ग्रहण करने और शारीरिक- मानसिक अयोग्यता के आधार पर हटा सकता है. जांच के दौरान राष्ट्रपति को अध्यक्ष और सदस्यों को निलंबित करने की शक्ति प्रदत है.


आरपीएससी पर कई बार उठे हैं सवाल
आरपीएससी का विवादों से पुराना नाता रहा है. कुछ दिन पहले एसओजी ने आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा को द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती पेपरलीक प्रकरण में गिरफ्तार किया. इससे पहले आरजेएस परीक्षा-2013 में आरपीएससी अध्यक्ष हबीब खान गौरान को अनियमितताओं के चलते इस्तीफा देना पड़ा था. आरएएस परीक्षा-2018 में इंटरव्यू घूसकांड में आरपीएससी सदस्य राजकुमारी गुर्जर का नाम आया था. समय-समय पर आरपीएससी की विश्वसनीयता पर सवाल उठते रहे हैं. बता दें जनसंघर्ष यात्रा के दौरान सचिन पायलट ने भी लगातार आरपीएससी पर सवाल उठाया. 


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