Jaisalmer News: पश्चिमी राजस्थान से जुड़ी भारत-पाकिस्तान की सरहदीय सीमा पर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) चौकसी बढ़ाने जा रहा है. इसके लिए 177 ऊंटों की खरीद की जाएगी. इन्ह ऊंटों को जैसलमेर और बीकानेर की रेगिस्तानी सीमा पर तैनात किया जाएगा. जिसके लिए ऊंटों की खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. बीएसएफ फ्रंटियर की ताकत रेगिस्तान में और बढ़ेगी.


जैसलमेर जिले के मरुस्थलीय क्षेत्र भारत-पाकिस्तान बॉर्डर की सुरक्षा की जिम्मेदारी BSF के हाथों में है. BSF के जवान हर समय दिन रात सीमा सुरक्षा को लेकर तैनात रहते हैं. जिससे पाकिस्तान की हर एक नापाक और अवैध हथियारों की तस्करी करने पर पैनी नजर रखी जा सके.


खरीदे जाएंगे 400 ऊंट
पश्चिमी राजस्थान से जुड़ी भारत पाकिस्तान की सरहदिय सीमा की निगरानी ऊंटों से होती है, क्योंकि यहां पर रेत के टीलों पर पैदल चलना मुश्किल भरा रहता है. पिछले कई सालों से BSF ने ऊंटों की खरीद नहीं की थी. इस सरहदीय सीमा के क्षेत्रफल को देखते हुए. चौकसी के लिए 300 से 400 ऊंट की जरूरत हैं. बीएसएफ के महानिदेशक पंकज कुमार सिंह ने ऊंटों की खरीद की जिम्मेदारी बीकानेर सेक्टर के डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह को दी है.


जैसलमेर सेक्टर में की जाएगी तैनाती
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के बीकानेर डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह की टीम ने जांच परख कर. जोधपुर जिले से पिछले दिनों 36 ऊंट की खरीद की है. यह खरीद किए सभी ऊंट बीकानेर सेक्टर मुख्यालय पर ले जाए गए हैं. पहले इन्ह ऊंटो को ट्रेंड किए जाएंगा. उसके बाद ही तैनाती की जाएगी. डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि 177 ऊंटों की खरीद होगी. बीकानेर सेक्टर से ही जैसलमेर सेक्टर में ऊंटों की तैनाती की जाएगी.


26 जनवरी को महिलाएं करेंगी दिल्ली में कैमल परेड
डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि बीएसएफ के बीकानेर मुख्यालय में महिलाओं का दस्ता तैयार किया जाएगा. बीकानेर मुख्यालय में ऊंटों को ट्रेंड किया जाएगा. साथ ही महिलाओं को कैमल परेड की ट्रेनिंग दी जाएगी. डीजी के निर्देश पर "रेजिंग डे" की परेड में पहली बार महिलाओं ने कैमल परेड में हिस्सा लिया था. अब महिलाओं के दस्त को 26 जनवरी को दिल्ली में राजपथ पर परेड के लिए भेजा जाएगा.


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