Gyan Dev Ahuja On Tika Ram Jully: राजस्थान में विपक्ष के नेता टीकाराम जूली के मंदिर जाने के बाद उसे गंगा जल से धुलने के मामले में आरोपी बीजेपी नेता ने पार्टी नोटिस का जवाब दे दिया है. नोटिस के जवाब में उन्होंने लिखा है कि ना मैंने कोई गलती की है और ना ही माफी मांगूंगा. नोटिस के जवाब के जरिए उन्होंने माफी मांगने से साफ इंकार कर दिया है.
मंदिर को गंगाजल से धुलने वाले पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने पार्टी को अपना लिखित जवाब भेज दिया है.
मैं दलित विरोधी नहीं- ज्ञानदेव आहूजा
हालांकि ज्ञानदेव आहूजा ने नोटिस के जवाब के जरिए अपनी सफाई भी पेश की है. उन्होंने लिखा, ''मैं दलित विरोधी नहीं हूं, बल्कि हिंदुओं का विरोध करने वाले कांग्रेस के खिलाफ हूं. भगवान राम का अस्तित्व नकारने वालों के खिलाफ हूं. उनके मुताबिक मैंने दलित के जाने पर मंदिर को गंगाजल से नहीं धुलवाया, बल्कि कांग्रेस नेता के जाने पर यह कदम उठाया. कांग्रेस पार्टी राम की विरोधी है और हिंदुओं की विरोधी है.''
पार्टी विरोधी काम है- ज्ञानदेव आहूजा
पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने नोटिस को सार्वजनिक किए जाने पर पार्टी के कुछ नेताओं के खिलाफ अपनी नाराजगी भी जताई है. ABP News से की गई बातचीत में उन्होंने कहा कि नोटिस को सार्वजनिक करना पार्टी विरोधी काम है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी यह जानती है कि दलितों में उसके रवैये को लेकर जबरदस्त गुस्सा है. इसी वजह से लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी कार्यक्रम जारी करने के बाद भी आज अलवर के उस मंदिर में आने की हिम्मत नहीं जुटा सके, जिसे उन्होंने गंगाजल से धुलवाया था.
दलित ही विरोध करते- ज्ञानदेव आहूजा
ज्ञानदेव आहूजा के मुताबिक राहुल गांधी मंदिर आते तो अलवर के दलित ही उनका विरोध करते. दलितों को पता है कि राहुल गांधी और उनके परिवार व पार्टी के लोग उन्हें किस नजर से देखते हैं.
ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि वह लगातार पूरे प्रदेश का दौरा कर बीजेपी को और मजबूत करने का काम कर रहे हैं. नोटिस का जवाब देकर उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभा दी है, लेकिन वह मीडिया को नोटिस की कॉपी नहीं देंगे, क्योंकि यह उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है.
गंगाजल मामले के तूल पकड़ने के बाद बीजेपी ने ज्ञानदेव आहूजा को पार्टी से निलंबित कर दिया था और नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब कर लिया था. इस मामले में राजस्थान की सियासत में कोहराम मचा हुआ है.