बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए प्रचंड बहुमत के साथ वापसी करती दिख रही हैं. अभी तक बिहार को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं उनसे कांग्रेस समेत महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है. इन नतीजों को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनाव आयोग की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं.
अशोक गहलोत ने दावा किया कि चुनाव आयोग जिस तरह का व्यवहार कर रहा है उससे देश के लोकतंत्र को खतरा पैदा हो गया है. चुनाव के बीच में लोगों को पैसे बांटे जा रहे हैं और चुनाव आयोग मूकदर्शक बना हुआ हैं. अगर आप निष्पक्ष चुनाव नहीं कराते हैं तो ये भी वोट चोरी है.
कांग्रेस नेता ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल
बिहार चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि "जीत हार की बात छोड़ दीजिए अब तो इस पर बात होनी चाहिए कि देश में लोकतंत्र खतरे में है. जो हालात महाराष्ट्र में बने थे वहीं हालात यहां बने हैं. एकतरफा जीत, सारी पार्टियां साफ हो रही हैं. जिस रूप में ये धनबल का इस्तेमाल करते हैं आप और हम कल्पना भी नहीं कर सकते.
ये लोग कितने उम्मीदवारों को पैसे देते हैं पैसे बांटते हैं ये सब कल्पना से बाहर है. चुनाव आयोग मूकदर्शक बना है, इनका साथ दे रहा हैं..वोट चोरी का मतलब सिर्फ लिस्ट में गड़बड़ी नहीं है अगर आप निष्पक्ष चुनाव नहीं कराते, चुप रहते हैं तो भी वो वोट चोरी है. एक तरफा सत्ता पक्ष का साथ दोंगे तो वो भी वोट चोरी है. वोट चोरी की मतलब आप किसी एक पार्टी को बेईमानी से जिता रहे हैं."
महिलाओं के खाते में पैसे भेजने का आरोप
कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर चुनाव आयोग का यही रवैया रहेगा तो चुनाव निष्पक्ष कैसे होंगे. एसआईआर बुरा नहीं है लेकिन, लोकतंत्र के लिए वोटर लिस्ट सही बनना जरूरी है. चुनाव आयोग पर जो भरोसा था उसे तोड़ दिया गया है.
बिहार में 1.35 करोड़ महिलाओं के खाते में दस हजार रुपये गए. मुझे आश्चर्य हो रहा है कि चुनाव आयोग को क्या हो गया है. चुनाव का प्रचार शुरू हो गया वोटिंग हो रही है उससे पहले भी आप पैसे बांट रहे हो.
नेता प्रतिपक्ष कुछ कहते हैं तो आयोग जैसे जवाब देते हैं हमें तो शर्म आती है कि देश के अंदर जहां दुनिया भर में यहां लोकतंत्र की तारीफ़ होती थी. वहां का चुनाव आयोग इस तरह का व्यवहार कर रहा है ये बहुत दुर्भाग्य पूर्ण है और निंदा करने के लायक है.
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