राजस्थान के सिरोही में पिंडवाड़ा उपखंड के भीमाना गांव से एक मामला सामने आया है, जहां भीमाना रेलवे स्टेशन से तरुंगी की ओर बनाई जा रही डामर सड़क के निर्माण में नियमों की अनदेखी करने के आरोप लगे हैं. सड़क निर्माण में निर्धारित तकनीकी परतों की प्रक्रिया का पालन नहीं किए जाने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है. ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार द्वारा केवल खानापूर्ति कर करोड़ों रुपए के सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है.
आबूरोड PWD विभाग के XEN रमेश कुमार नें बताया की मौके पर तकनीकी अधिकारियो कों भेजकर जांच करवाकर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी. ग्रामीणों का कहना है बन रहीं सीसी रोड़ में गुणवत्ता हीन सामग्री डाली जा रहीं न तो जगह कों साफ किया जा रहा और न ही केवल केवल माल डालकर खानापूर्ति की जा रहीं. माल में भी तय मापदंड के अनुसार बजरी कंक्रीट का उपयोग न करके मिट्टी युक्त बजरी डाली जा रहीं है. सीसी बनाने से पहले कई मापदंड होते है उसकी पालना नहीं की.
नियमों की उड़ रहीं है धज्जियां
जबकि सड़क निर्माण में सबग्रेड (आधार मिट्टी), सब-बेस कोर्स (उप-आधार परत), बेस कोर्स (आधार परत), बाइंडर/प्रीमिक्स्ड कोर्स तथा सरफेस/वियर कोर्स जैसी अनिवार्य तकनीकी परतों को नियमों के अनुरूप नहीं बिछाया जा रहा. मानकों के अनुसार प्रत्येक परत की मोटाई, सामग्री की गुणवत्ता और संपीड़न (कम्पेक्शन) आवश्यक होता है, लेकिन मौके पर इन नियमों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है.
ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क पर केवल मिट्टी डालकर ऊपर से डामर बिछाने की तैयारी की जा रही थी, जिससे सड़क की मजबूती और आयु पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े हो गए हैं. ऐसी सड़क कुछ ही समय में टूटने की आशंका है, जिससे भविष्य में फिर से सरकारी धन खर्च होगा.
मौके पर पहुंचे ग्रामीण, काम रुकवाया
गुणवत्ता हीन निर्माण की सूचना मिलते ही समाजसेवी हार्दिक रावल, भानाराम चौधरी, राजन सिंह सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों ने निर्माण कार्य का निरीक्षण किया और ठेकेदार से तकनीकी मापदंडों के अनुसार कार्य करने की मांग की. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने एकजुट होकर निर्माण कार्य रुकवा दिया.
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ठेकेदार जानबूझकर नियमों की अनदेखी कर रहा है और घटिया सामग्री का उपयोग कर सड़क निर्माण करवा रहा है. उनका कहना है कि यह सीधा-सीधा भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत होती है.
उच्च अधिकारियों से शिकायत
ग्रामीणों ने इस पूरे मामले की लिखित शिकायत उच्च अधिकारियों को देने की बात कही है. शिकायत में सड़क निर्माण की गुणवत्ता की तकनीकी जांच कराने, सैंपल लेने और दोषी ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है. ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि जब तक नियमों के अनुसार सड़क निर्माण नहीं होगा, तब तक कार्य दोबारा शुरू नहीं होने दिया जाएगा.
जनहित से जुड़ा मामला
भीमाना से तरुंगी तक की यह सड़क ग्रामीणों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. इसी मार्ग से ग्रामीणों का आवागमन, कृषि उपज का परिवहन और रेलवे स्टेशन तक पहुंच होती है. ऐसे में यदि सड़क घटिया गुणवत्ता की बनी तो इसका सीधा नुकसान आम जनता को भुगतना पड़ेगा.
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने समय रहते मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो वे आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे. फिलहाल मौके पर काम बंद है और ग्रामीण प्रशासनिक कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं.
अब देखना यह होगा कि संबंधित विभाग और अधिकारी इस मामले में कितनी गंभीरता दिखाते हैं और क्या सड़क निर्माण कार्य को मानकों के अनुसार दोबारा शुरू करवाया जाता है या नहीं.