भीलवाड़ा के नगर निगम परिसर में आयोजित हो रहे शहरी सेवा शिविर में माहौल गरमा गया, जब नगर निगम के महापौर राकेश पाठक ने नगर विकास न्यास के पटवारी से तीखी नोंकझोक की. पटवारी द्वारा लगातार काम में लापरवाही और जनता को राहत नहीं पहुंचाने की शिकायत महापौर तक पहुंची, जिसके बाद उन्होंने पटवारी पर कड़ा रुख अपनाया और इसकी शिकायत न्यास सचिव से भी की.

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महापौर का बयान और उद्देश्य

नगर निगम महापौर राकेश पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में नगर निगम परिसर में शहरी सेवा शिविर आयोजित किया गया है. शिविर में कर्मचारियों की लापरवाही और जनता को गुमराह करने की शिकायतें मिल रही थीं.

महापौर ने बताया कि जनता की आवाज उठाते हुए उन्होंने संबंधित कर्मचारी को समझाने की कोशिश की, लेकिन कर्मचारी ने गलती स्वीकार नहीं की और जनता को दोषी ठहराया. बाद में उच्च अधिकारियों ने कर्मचारी की गलती स्वीकार की.

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लापरवाही और प्रशासनिक कदम

नगर विकास न्यास का पटवारी, जिसके पास नगर निगम का चार्ज है, इससे पहले भी लापरवाही कर चुका है. महापौर ने बताया कि मौखिक आदेश देने के बावजूद पटवारी ने पालन नहीं किया, 

जिससे नगर निगम के कई काम अटके हुए हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी कर्मचारी या व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है, बल्कि केवल जनता को राहत और सेवाएं सुनिश्चित करना है

विवाद का अंतिम दृश्य

हालात इतने बिगड़ गए कि महापौर और पटवारी के बीच की कहासुनी की आवाज़ शिविर के बाहर तक सुनाई देने लगी. देखते ही देखते वहां भीड़ इकट्ठा हो गई.

महापौर राकेश पाठक अपनी बात कह रहे थे, जबकि पटवारी सिंह लगातार अपनी सफाई पेश कर रहे थे. अंततः स्थिति को संभालने के लिए ओएसडी चिमनलाल और तहसीलदार नीरज रावत को बुलाया गया. उन्होंने महापौर को शांत करने के लिए दूसरी ओर ले गए.