राजस्थान के बाड़मेर जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां चौहटन के उपअधीक्षक (डीएसपी) जीवनलाल खत्री पर अपने ही सरकारी गाड़ी चालक व हेड कांस्टेबल रामूराम मेघवाल को थप्पड़ मारने का आरोप लगा है. इस मामले ने न केवल पुलिस विभाग बल्कि राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है.
हेड कांस्टेबल रामूराम मेघवाल ने आरोप लगाया है कि गुरुवार रात धनाऊ थाना क्षेत्र में एक मामले की जांच के बाद लौटते समय डीएसपी से उनका विवाद हो गया. आरोप के अनुसार विवाद के दौरान डीएसपी ने उनसे गाली-गलौज की और जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो गाड़ी रुकवाकर उन्हें थप्पड़ मार दिया. रामूराम ने कहा कि इस तरह के अपमानजनक माहौल में वे आगे काम नहीं कर सकते.
क्या है पूरा मामला?
मामले के तूल पकड़ने पर मीडिया ने जब डीएसपी जीवनलाल खत्री से संपर्क किया, तो उन्होंने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया. डीएसपी का कहना है कि हेड कांस्टेबल लापरवाही से गाड़ी चला रहा था. इस पर उन्होंने गाड़ी रुकवाई और दूसरी गाड़ी का इंतजाम किया. उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी. खत्री का कहना है कि रामूराम बाहरी दबाव में आकर झूठे आरोप लगा रहा है.
पुलिस अधीक्षक ने जांच के दिए आदेश
घटना के प्रकाश में आने के बाद बाड़मेर पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को निष्पक्ष जांच करने और रिपोर्ट पेश करने के लिए निर्देशित किया है.
सांसद हनुमान बेनीवाल घटना पर जताई नाराजगी
बता दें कि यह मामला राजनीतिक रंग भी लेने लगा है. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर नाराजगी जताई और निष्पक्ष जांच की मांग की. बेनीवाल ने लिखा कि यदि पुलिस विभाग में ही निचले स्तर के कर्मियों को इस तरह अपमानित किया जाएगा तो इससे कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. वहीं, बाड़मेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने भी इस घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए पारदर्शी जांच कराने की मांग की है.
फिलहाल, मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा की जा रही है. पुलिस विभाग का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही सत्य सामने आएगा. वहीं स्थानीय स्तर पर यह चर्चा का विषय बन गया है कि क्या वाकई में अधिकारी ने अपने ही अधीनस्थ पर हाथ उठाया, या फिर यह आरोप बाहरी दबाव में लगाए गए हैं.