जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चसोटी गांव में बादल फटने से हुई बड़ी तबाही ने पूरे देश को झकझोर दिया है. इस घटना को लेकर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गहरा दुख व्यक्त किया है. वहीँ सरकार से इस ओर ठोस कदम उठाने को लेकर मांग की है.

उत्तराखंड में भी हुआ था ऐसा हादसा- गहलोत

गहलोत ने एक्स (पहले ट्विटर) पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि "जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ के चसोटी गांव में बादल फटने से आई आपदा भयावह रूप ले चुकी है. इस हादसे में अभी तक 65 लोगों के शव मिल चुके हैं एवं सैकड़ों लोग लापता हैं. इनमें अधिकांश मचैल माता की पदयात्रा के श्रद्धालु हैं. ऐसा ही हादसा कुछ दिन पहले उत्तराखंड में भी हुआ था."

सरकार को उठाने होंगे ठोस कदम

गहलोत ने सरकार से अपील की कि "सरकार को बार-बार हो रहे इन हादसों की वजहों की पहचान करनी चाहिए जिससे इस तरह की आपदाओं से हो रही जनहानि से बचा जा सके. ऐसी आपदाओं की आशंका वाले क्षेत्रों में पूर्व चेतावनी जारी करने की व्यवस्था हो जिससे वहां जाने एवं रहने वाले लोगों को समयबद्ध तरीके से जानकारी मिल सके."

पूर्व चेतावनी व्यवस्था पर जोर

पूर्व मुख्यमंत्री ने खासतौर पर पूर्व चेतावनी प्रणाली (Early Warning System) पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में बादल फटने या भूस्खलन की आशंका ज्यादा रहती है, वहां समय रहते अलर्ट जारी होना चाहिए. इससे स्थानीय लोगों और यात्रियों को पहले से जानकारी मिल सकेगी और जान बचाने के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकेंगे.

कठुआ में भी हुई बादल फटने की घटना 

बता दें किश्तवाड़ में बादल फटने से आई आपदा के बाद अब कठुआ में बादल फटा है. आज रविवार को कठुआ जिले के जोड़ इलाके में बादल फटने से भारी तबाही की आशंका जताई जा रही है. मलबे की चपेट में कई घर आ गए हैं. मौत का आंकड़ा बढ़कर 7 हो गया है.