जोधपुर में अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा के साथ यौन शोषण के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की गुरुवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई. सूत्रों के अनुसार, जोधपुर सेंट्रल जेल में उन्हें अचानक सांस लेने में तकलीफ होने लगी, जिसके बाद जेल प्रशासन ने तत्काल उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल आरोग्यम में भर्ती कराया.

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जानकारी के अनुसार, आसाराम पिछले कुछ समय से कई बीमारियों से ग्रसित है और उसे अक्सर सांस लेने में दिक्कत होती है. जेल प्रशासन की ओर से बताया गया कि मेडिकल टीम लगातार उसकी निगरानी कर रही है. फिलहाल सूत्रों से मिली जानकारी सामने आया है कि उसकी हालत को गंभीर है.


आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम


गौरतलब है कि आसाराम को 2018 में जोधपुर की विशेष पॉक्सो अदालत ने एक नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. तब से वह जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है. अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से आसाराम के वार्ड में बाहरी लोगों की एंट्री पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी है. जेल पुलिस का विशेष दल पूरे समय अस्पताल में तैनात है.


2013 में यौन उत्पीड़न का लगा था आरोप


बता दें कि अगस्त 2013 में एक 16 वर्षीय लड़की ने आसाराम पर राजस्थान के जोधपुर के पास अपने आश्रम में उसका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. इसके बाद पीड़िता के माता-पिता ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी. इस मामले में पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को आसाराम को गिरफ्तार कर लिया था.


2018 में जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को ठहराया था दोषी


इसके बाद, अप्रैल 2018 में, जोधपुर की एक कोर्ट ने आसाराम को नाबालिग से रेप के लिए दोषी ठहराया, और उसे भारतीय दंड संहिता, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम की अलग-अलग धाराओं के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई. वहीं, साल 2013 में सूरत की दो बहनों ने भी आरोप लगाया था कि आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं ने 2000 के दशक के मध्य में उनका यौन उत्पीड़न किया था.