अंता विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मतदान के आंकड़ों ने सभी को चौंका दिया. कहीं न कहीं नतीजे भी चौंकाने वाले हो सकते हैं. आमतौर पर उपचुनावों में मतदान प्रतिशत बढ़ता नहीं है, लेकिन इस सीट पर हुए त्रिकोणीय संघर्ष में वोटर टर्नआउट काफी ज्यादा दिखाई दिया. मतदान करीब 82 प्रतिशत रहा. ऐसे में इस सीट पर किसके पक्ष में नतीजे रहेंगे, ये देखने वाली बात होगी.
बहरहाल, अंता उपचुनाव के नतीजे तो 14 नवंबर को ही आएंगे, लेकिन उससे पहले हमने इसको समझने का प्रयास किया है. आखिर ये नतीजा किसके पक्ष में रहने वाला है?
नरेश मीणा ने कांग्रेस को पहुंचाया नुकसान?
चुनावी गणित को लेकर पत्रकार शशि मोहन शर्मा ने बताया कि यहां सीधे तौर पर बीजेपी और कांग्रेस में टक्कर रहेगी. हालांकि बढ़े हुए मतदान प्रतिशत का कुछ हद तक फायदा नरेश मीणा को भी होगा. इसके बावजूद सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही है. पत्रकार ने वजह बताते हुए कहा कि बीजेपी के वोटर्स में सेंध लगाना आसान नहीं था. माली वोटर्स, ब्राह्मण, वैश्य और धाकड़ समाज बीजेपी का कोर वोटर है. यहां कांग्रेस और नरेश मीणा सेंध नहीं लगा पाए. नरेश मीणा ने कांग्रेस को ज़रूर नुकसान पहुंचाया है, लेकिन वे मीणा समाज के अलावा दूसरे वोटर्स को प्रभावित नहीं कर सके.
वसुंधरा राजे ने बीजेपी की राह बनाई आसान?
पत्रकार अवधेश पारीक ने कहा कि नरेश मीणा के चुनाव लड़ने से सीधे तौर पर कांग्रेस को नुकसान हुआ है. कांग्रेसी वोटर काफ़ी हद तक नरेश मीणा की ओर शिफ्ट हुआ है, बढे हुए मतदान प्रतिशत को लेकर उन्होंने कहा कि ये नरेश मीणा के लिए फायदेमंद हो सकता है. कांग्रेसी प्रत्याशी पर जो भ्रष्टाचार के आरोप लगाए उसको दोनों विपक्षी नेताओं ने मुद्दा बनाया. इसका काउंटर कांग्रेस के पास नहीं था, जिसके चलते आम वोटर शिफ्ट हुआ है. यहां अब बीजेपी और नरेश में सीधी टक्कर है. वसुंधरा राजे का मोर्चा संभालना भी काफी अहम माना जा रहा है.
अंता में कांग्रेस तीसरे स्थान पर रहेगी?
पत्रकार विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि नतीजे काफी चौंकाने वाले रहेंगे. बढ़ा हुआ मतदान निश्चित तौर पर नरेश मीणा के पक्ष में जाने वाला है. वहीं, कांग्रेस को लेकर उन्होंने कहा कि शुरू से ही कांग्रेस चुनाव नहीं उठा पाई. मुद्दों से ज़्यादा कांग्रेस प्रत्याशी पर जो आरोप थे वो अंत तक हावी रहे. बीजेपी का वोटर तो वहीं रहा लेकिन कांग्रेस के वोटों में सेंध हुई है. नरेश मीणा ने अपने समाज के अलावा भी दूसरी जातियों के युवा वर्ग को प्रभावित किया है. ग्रामीण क्षेत्रों में 85% से अधिक मतदान होना नरेश मीणा पक्ष में नतीजे बता रहा है, यहां सीधी टक्कर नरेश और बीजेपी में है. कांग्रेस या तीसरे स्थान पर रहेगी.
त्रिकोणीय मुकाबले की भी उम्मीद
इसके अलावा, पत्रकार रमेश कुमावत ने कहा कि अंता में 80% से अधिक हुए मतदान ने बीजेपी और कांग्रेस की चिंताएं बढ़ा दी हैं. मुख्य लड़ाई बीजेपी के मोरपाल सुमन और निर्दलीय नरेश मीणा के बीच में लग रही है. हालांकि कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं, हर तरह से सक्षम नेता हैं. जातीय समीकरणों से इतर खुद का एक वोट बैंक है. ऐसे में मुकाबला त्रिकोणीय ही समझा जाए.