Syed Zainul Abedin Ali Khan: देशभर में एक बार फिर नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. माना जा रहा है केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव से पहले ये कानून ला सकती है. वहीं इस बीच अजमेर शरीफ ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने सीएए को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि सीएए को लेकर मुसलमानों को गुमराह किया जा रहा है.


जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान साहब ने कहा कि कुछ लोग लगातार नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर मुसलमानों को डराने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को मेरा सुझाव है कि वो देश का कानून पढ़ें. हमारे देश में नागरिकता देने वाला कानून है, ना की छीनने वाला.


दरगाह दीवान ने आगे कहा कि मथुरा जैसे विवाद का हल अदालत के बाहर होना चाहिए. हमें कोशिश करनी चाहिए कि ऐसे विवादों का हल हम बातचीत के माध्यम से निकाल सकें. आज हमारा देश "वसुधैव कुटुंबकम" की सभ्यता, शांति की बात कर रहा है. भारत विश्व शांति की दिशा में अपनी भूमिका निभा रहा है. ऐसे में हमें अपने आतंरिक मसलों को अदालत के अंदर नहीं, बल्कि बाहर ही बातचीत से सुलझाने के प्रयास करने चाहिए. हमारी कई पीढ़ियों ने कई धार्मिक विवादों का सामना किया, जिसमें अयोध्या प्रकरण प्रमुख रूप से शामिल है. हालांकि, अब कोर्ट के निर्णय के बाद इस पर विराम लग चुका है. भारत का हर मुसलमान सुलह पर यकीन रखता है."






अमित शाह ने दिया था बड़ा बयान
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए को लेकर बड़ा एलान किया था. अमित शाह ने कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को लागू करने नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा और इसे लागू भी कर दिया जाएगा. यही नहीं उन्होंने पिछले साल दिसंबर में अपने पश्चिम बंगाल दौरे के दौरान दावा किया था कि सीएए को लागू करने से कोई नहीं रोक सकता है. अमित शाह ने कहा, "मैं साफ कर देना चाहता हूं कि सीएए किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनेगा. इसका उद्देश्य केवल धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे पाकिस्तानी, अफगानिस्तानी और बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना है."


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