संसद में शुरू हुई ‘वंदे मातरम्’ की पर बहस और अब अलग अलग राजनीतिक पार्टियां इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इस बीच समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा कि देश में विकास की बजाय धार्मिक मुद्दों को उछाला जा रहा है और यह बिल्कुल सही नहीं है. आजमी ने आरोप लगाया कि मनमानी कार्रवाई, वोट चोरी और कानून व्यवस्था की बदहाली जैसे अहम मुद्दों की अनदेखी हो रही है, जबकि वंदे मातरम् पर रोज बयानबाजी की जा रही है.
अंधेर नगरी चौपट राजा- अबू आजमी
अबू आजमी ने वंदे मातरम् को लेकर कहा, “चर्चा तो विकास पर होना चाहिए, देश कर्ज में डूबता जा रहा है चर्चा उस पर होना चाहिए. आप रोज वंदे मातरम् चिल्लाओ, कौन मना कर रहा है, लेकिन किसी के धर्म में दखल देना ठीक नहीं.” उन्होंने आगे कहा, "ये सरकार की मनमानी चल रही है, एकतरफा चल रहा है मामला, अभी वोट चोरी और एसआईआर का मामला चल रहा है, कोई सुनने को तैयार नहीं है. अंधेर नगरी चौपट राजा."
संसद में जारी है वंदे मातरम् पर चर्चा
इधर संसद के भीतर वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष चर्चा जोर पकड़ रही है. लोकसभा में सोमवार, 8 दिसंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से इस बहस की शुरुआत हुई, जिसका जवाब कांग्रेस की ओर से डिप्टी लीडर गौरव गोगोई और प्रियंका गांधी ने दिया. राष्ट्रीय गीत को स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख प्रतीक के रूप में रेखांकित किया जा रहा है और सांसद इसकी ऐतिहासिक यात्रा के महत्व का उल्लेख कर रहे हैं. यह चर्चा ऐसे समय हो रही है जब देश में सांस्कृतिक और राजनीतिक विमर्श लगातार तेज हो रहा है.
आज, 9 दिसंबर 2025 को राज्यसभा में भी वंदे मातरम् पर चर्चा जारी है और इसकी शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे. इसके बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा इस 150 वर्ष की यात्रा का समापन भाषण देंगे. वरिष्ठ नेताओं राधामोहन दास अग्रवाल, के लक्ष्मण, घनश्याम तिवारी और सतपाल शर्मा भी अपने विचार रखेंगे. संसद में जहां ऐतिहासिक विरासत पर जोर दिया जा रहा है, वहीं बाहर अबू आजमी जैसे नेता सरकार से विकास और प्रशासनिक जवाबदेही पर गंभीर चर्चा की मांग कर रहे हैं, जिससे दोनों स्तरों पर बहस के स्वर बिल्कुल अलग दिखाई दे रहे हैं.