दुनिया के सबसे बुजुर्ग मैराथन धावक फौजा सिंह को पंजाब के जालंधर जिले में टक्कर मारने वाले वाहन की पहचान के बाद ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी की पहचान करतारपुर के दसूपुर निवासी अमृतपाल सिंह ढिल्लों (26) के रूप में हुई है. उसकी गाड़ी को भी जब्त कर लिया गया है.
ढिल्लों सोमवार को भोगपुर से किशनगढ़ जा रहा था, जब उसने पंजाब के जालंधर जिले के अपने पैतृक गांव ब्यास में सिंह (114) को टक्कर मार दी. फौजा सिंह ने सोमवार शाम को दम तोड़ दिया. वह 114 वर्ष के थे. फौजा सिंह ने 89 वर्ष की उम्र में मैराथन दौड़नी शुरू की थी और फिर दुनिया भर में अपने जोश एवं जज्बे का डंका बजाया.
5-7 फीट हवा में उछल गए थे फौजा सिंह
ग्रामीणों के अनुसार, वाहन की टक्कर से फौजा सिंह 5-7 फीट हवा में उछल गए थे. पुलिस ने कहा कि घटना के बाद, चालक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 281 (सार्वजनिक रास्ते पर लापरवाही से गाड़ी चलाना) और 105 (गैर इरादतन हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई.
इससे पहले फौजा सिंह परिवार के एक सदस्य ने मंगलवार को बताया कि उनका अंतिम संस्कार संभवत: कुछ दिन बाद किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कई रिश्तेदार ब्रिटेन और कनाडा सहित विदेश में रहते हैं, इसलिए उनके यहां पहुंचने में कुछ समय लग सकता है.’’
किसान परिवार में हुआ था फौजा सिंह का जन्म
सन् 1911 में एक किसान परिवार में जन्मे फौजा सिंह चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. वह 100 काल की आयु में मैराथन पूरी करने वाले पहले व्यक्ति बने और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेते हुए उन्होंने कई रिकॉर्ड बनाए.
फौजा सिंह ने वृद्धावस्था में मैराथन दौड़ना शुरू किया और अपनी सहनशीलता व एथलेटिक क्षमता के कारण उन्हें ‘टर्बन्ड टॉरनेडो’ उपनाम मिला. वह 1990 के दशक में इंग्लैंड चले गए थे और हाल के वर्षों में पंजाब स्थित अपने पैतृक गांव में रहने के लिए लौट आए थे. वह 2012 के लंदन ओलंपिक में मशाल वाहक थे.
पिछले साल, फौजा सिंह पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया के साथ नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए आयोजित एक ‘वॉकथॉन’ में शामिल हुए थे.