Dharam Singh Chhoker ED: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को हरियाणा के कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छौक्कर के बेटे सिकंदर सिंह को घर खरीदारों के धन के साथ कथित धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार कर लिया. आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी देते हुए कहा कि सिकंदर सिंह को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में लिया गया था. राज्य के पानीपत जिले की समालखा विधानसभा सीट से विधायक 60 वर्षीय छौक्कर को उनके बेटों सिकंदर सिंह और विकास छौक्कर के साथ माहिरा रियल एस्टेट समूह का ‘मालिक और प्रवर्तक’ बताया जाता है.


कौन हैं धर्म सिंह छौक्कर?
धर्म सिंह छौक्कर पुलिस की नौकरी छोड़ राजनीति में आए. दरअसल, धर्म सिंह छौक्कर के दो और भाई थे. जिसमें से एक इंदर सिंह छोक्कर साल 2000 में पुलिस नौकरी छोड़ पहले इनेलो के कार्यकर्ता बने. फिर उन्होंने समालखा विधानसभा से राजनीति की शुरूआत की. इनेलो ने टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय ही चुनाव लड़े. इस दौरान वे पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के संपर्क में आए और हजकां में शामिल हो गए. इंदर सिंह का निधन होने के बाद उनके भाई धर्म सिंह छौक्कर भाई की राजनीतिक विरासत संभाली. 


साल 2007 में इंदर सिंह छोक्कर की मौत के बाद साल 2008 में धर्म सिंह छौक्कर राजनीति में आए.पहली बार हजकां की टिकट पर कांग्रेस के उम्मीदवार संजय छौक्कर को हराकर विधायक बने. इसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए. 2014 में धर्म सिंह छौक्कर ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा. हारने के बाद भी 5 साल तक वे अपनी विधानसभा में एक्टिव रहे और 2019 में उन्होंने बीजेपी के शशिकांत कौशिक को हराया और दूसरी बार विधायक बने.  


गुरुग्राम के सेक्टर 68 में घर देने का किया था वादा
ईडी ने पिछले साल जुलाई में विधायक, साई आइना फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड (अब माहिरा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड), माहिरा समूह  की अन्य कंपनियों और कुछ अन्य के खिलाफ तलाशी ली थी. ईडी के बयान में कहा गया कि धन शोधन का मामला गुरुग्राम पुलिस द्वारा साई आइना फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ ‘धोखाधड़ी और जालसाजी’ के लिए दर्ज की गई एक प्राथमिकी पर आधारित है. बयान में कहा गया है कि दिल्ली के पास गुरुग्राम के सेक्टर 68 में घर देने का वादा करके ‘साई आइना फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड’ ने किफायती आवास योजना के तहत 1,497 घर खरीदारों से लगभग 360 करोड़ रुपये एकत्र किए. इसमें कहा गया है कि साई आइना फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड मकान देने में ‘विफल’ रही और कई बार समय सीमा का पालन करने से ‘चूक’ गई.


फर्जी निर्माण खर्च दिखाकर घर खरीदारों के पैसे में हेराफेरी 
एजेंसी ने कहा कि घर खरीदार पिछले एक साल से माहिरा ग्रुप के खिलाफ वादे के मुताबिक जल्द से जल्द घर देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जांच में पाया गया कि साई आइना फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड ने समूह की इकाइयों में फर्जी निर्माण खर्च दिखाकर घर खरीदारों के पैसे में हेराफेरी की. एजेंसी ने आरोप लगाया कि माहिरा ग्रुप के निदेशकों और प्रवर्तकों द्वारा फर्जी बिल और चालान प्रदान करने वाली इकाइयों से फर्जी खरीद के बराबर नकद राशि वापस प्राप्त की गई थी, जिसका इस्तेमाल व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया. निदेशकों और प्रवर्तकों ने व्यक्तिगत लाभ के लिए घर खरीदारों के पैसे को समूह की अन्य इकाइयों को ऋण (जो वर्षों से बकाया है) के रूप में ‘डायवर्ट’ कर दिया. प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि उन्होंने साई आइना फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड में लगभग 107.5 करोड़ रुपये की हेराफेरी की.


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