Delhi News: संसद के मानसून सत्र के दौरान गुरुवार (3 अगस्त) को लोकसभा में दिल्ली सेवा बिल (Delhi Ordinance Bill) पर बहस के दौरान काफी हंगामा देखने को मिला. इस दौरान आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील कुमार रिंकू (Sushil Kumar Rinku) ने बिल की कॉपी फाड़कर चेयर की तरफ फेंक दिया, जिसके बाद उन्हें लोकसभा के बाकी बचे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया. संसद से निलंबित होने के बाद आप नेता सुशील कुमार रिंकू का बयान सामने आया है.


लोकसभा से निलंबित होने के बाद  AAP सांसद सुशील कुमार रिंकू का रिएक्शन
लोकसभा से निलंबित होने के बाद AAP सांसद सुशील कुमार रिंकू (Sushil Kumar Rinku) ने कहा कि, "संविधान टूट रहा है, देश की संघीय व्यवस्था खतरे में है. जब निर्वाचित सरकार की शक्तियां गैर-निर्वाचित और नौकरशाहों को दी जाती हैं तो यह संविधान का अपमान है. सतर्कता विभाग केंद्र सरकार के हाथ में है. अदालत तय करेगी कि कौन भ्रष्ट है और कौन नहीं, मुझे इस बात का अफसोस नहीं है कि लोगों के लिए आवाज उठाने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए मुझे निलंबित कर दिया गया." बता दें कि, रिंकू लोकसभा में 'आप' के एकमात्र सांसद हैं.


लोकसभा में विधेयक पास
इस विधेयक का नाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 है. अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा. विधेयक पेश होने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, "हर बार बीजेपी ने वादा किया कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे. 2014 में मोदी जी ने ख़ुद कहा कि प्रधान मंत्री बनने पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे. लेकिन आज इन लोगों ने दिल्ली वालों की पीठ में छुरा घोंप दिया. आगे से मोदी जी की किसी बात पे विश्वास मत करना."


इसके अलावा अपना विरोध जताते हुए अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने ट्वीट करते हुए कहा कि, 'आज लोकसभा में अमित शाह जी को दिल्ली वालों के अधिकार छीनने वाले बिल पर बोलते सुना. बिल का समर्थन करने के लिये उनके पास एक भी वाजिब तर्क नहीं है. बस इधर उधर की फालतू बातें कर रहे थे. वो भी जानते हैं वो ग़लत कर रहे हैं. ये बिल दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला बिल है. उन्हें बेबस और लाचार बनाने वाला बिल है. INDIA ऐसा कभी नहीं होने देगा.


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