Punjab News: संयुक्त किसान मोर्चा की आज सोमवार को दिल्ली में बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में किसानों ने तीन फैसले लिए. जिसमें पहला फैसला ये था कि केंद्र सरकार द्वारा किए गए 'विश्वासघात' के विरोध में किसान 21 मार्च को विरोध दिवस मनाएंगे. जिसमें सभी किसान केंद्र सरकार के खिलाफ वादे पूरे ना किए जाने पर देश भर में रोष प्रदर्शन करेंगे. दूसरा फैसला ये था कि 11 से 17 अप्रैल तक सभी किसान एमएसपी की लीगल गारंटी का सप्ताह मनाएंगे.


वहीं दिल्ली में आयोजित हुई संयुक्त किसान मोर्चा की तीसरी बैठक में फैसला लिया गया कि एसकेएम के नियम कानून बनाने की दिशा में सभी साथी आगे बढ़ेंगे. भाखरा बेआस मैनेजमेंट बोर्ड में पंजाब राज्य सरकार के हकों के हनन के विरोध में 25 मार्च को चंढीगढ की और ट्रैक्टर मार्च भी निकाला जाएगा.


इस बैठक के लिए सभी किसान संगठनों को बुलाया गया था, संयुक्त किसान मोर्चा की यह बैठक पांच राज्यों के चुनाव के बाद पहली बैठक थी. खबरों की मानें तो इस बैठक में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत कहीं नहीं दिखे, लेकिन गुरनाम सिंह चढूनी और राजेवाल अपने समर्थकों के साथ थे. हालांकि मीटिंग से पहले साफ कर दिया गया था कि चुनाव लड़ने वाले किसान नेता मीटिंग में शामिल नहीं हो सकते.


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संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से इस बैठक के लिए 32 संगठनों को बुलाया गया था, लेकिन बैठक में 18 संगठन ही आ सके थे. इस बैठक में फिर एक बार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का मुद्दा उठा. जिसमें किसानों का कहना था कि इसके लिए सभी किसान तेजी से रणनीति बनाएं और सरकार पर एमएसपी लागू करने का दवाब बनाएं. इसके साथ ही किसानों लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा पर भी चर्चा की.