चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा (Punjab Assembly) का विशेष सत्र मंगलवार को शुरू हुआ. इसकी शुरूआत पूर्व सदस्यों और गणमान्य लोगों को श्रद्धांजलि देने से हुई. पंजाब विधानसभा में उस समय हंगामा हो गया जब मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann)ने विश्वास मत लाने की घोषणा की.इसका कांग्रेस (Congress)और बीजेपी (BJP) के सदस्यों ने विरोध किया. स्पीकर ने मार्शल को कांग्रेस के सदस्यों को सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया. लेकिन कांग्रेस सदस्यों ने बाहर निकलने से इनकार कर दिया. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि कांग्रेस के सदस्य बीजेपी से मिले हुए हैं.  उन्होंने कांग्रेस को बीजेपी की बी टीम बताया.


सीएम भगवंत मान ने कांग्रेस पर लगाया आरोप


भगवंत मान की ओर से लाए गए विश्वास मत के विरोध में बीजेपी विधायक अश्वनि शर्मा और जंगीलाल महाजन ने सदन से वॉकआउट किया. वहीं नेता विपक्ष और कांग्रेस विधायक प्रताप बाजवा ने कहा कि विश्वास मत लाना राज्यपाल की शक्तियों को चुनौती देना है.उन्होंने कहा कि विश्वास मत लाने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है. मैं सदन में इसकी निंदा करता हूं. सत्ता पक्ष की ओर से लाए गए विश्वास मत का कांग्रेस और अकाली दल के सदस्यों ने जोरदार विरोध किया. 






हंगामा बढ़ता देख स्पीकर कुलतार सिंह संधवान ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी. सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी.लेकिन कांग्रेस के सदस्य प्रताप सिंह बाजवा के नेतृत्व में हंगामा करते रहे. इस दौरान मंत्री अमन अरोड़ा ने कांग्रेस सदस्यों को बीजेपी की बी टीम बताया. उन्होंने कहा कि अलग-अलग राज्यों में करीब 200 कांग्रेस विधायक पहले ही बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.इसके बाद कांग्रेस विधायक वेल में चले गए और सत्तापक्ष विरोधी नारे लगाए.मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी कांग्रेस को बीजेपी की बी टीम बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के ऑपरेशन लोटस में कांग्रेस भी मिली हुई है.उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने विधायकों को बीजेपी को सप्लाई कर रही है.उन्होंने कहा कि पंजाब में ऑपरेशन लोटस फेल हुआ तो विपक्ष के नेता प्रताप बाजवा को ऐसे लगा जैसे उनका कोई नुकसान हो गया हो.






विधानसभा अध्यक्ष ने दिया यह आदेश


हंगामा रुकता न देख स्पीकर ने मार्शल को कांग्रेस विधायकों को सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया. इसके बाद सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.स्पीकर ने कर्मचारियों को 10 मिनट में सदन साफ करने के आदेश दिए.लेकिन कांग्रेस के सदस्यों ने सदन से बाहर निकलने से इनकार कर दिया और अपनी-अपनी सीटों पर बैठ गए.


इससे पहले एडवाइजरी कमेटी की बैठक में विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक बढ़ाने का फैसला लिया गया. अब सदन की बैठक मंगलवार , गुरुवार दोपहर, शुक्रवार और सोमवार को होगी. इस तरह अब इस सत्र का समय सात दिन का हो गया है. लेकिन बैठकें केवल मंगलवार, गुरुवार, शुक्रवार और सोमवार को ही होंगी. मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से पेश विश्वास मत पर सोमवार को मतदान कराया जाएगा.


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