पंजाब में फाजिल्का के भारत-पाकिस्तान सरहदी इलाके में सतलुज नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इससे न सिर्फ फसलें बर्बाद हो रही हैं, बल्कि गांव चारों तरफ से पानी से घिर गए हैं. हालात गंभीर होते देख प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है और 26, 27 और 28 अगस्त को सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूल बंद करने के आदेश जारी किए हैं.

तेजा रुहेला गांव के निवासी सुरजीत सिंह बताते हैं कि उनका घर पूरी तरह पानी से घिर चुका है. मजबूरी में उन्होंने कुछ जरूरी कपड़े उठाए और बेटी के घर शरण लेने के लिए निकल पड़े. वहीं, प्रेम सिंह नामक ग्रामीण अपने परिवार और मवेशियों को लेकर ट्रैक्टर-ट्राली से सुरक्षित स्थान की ओर रवाना हुए. उनका कहना है कि हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं और ऐसे में गांव में रुकना जान जोखिम में डालने जैसा है.

फसलें बर्बाद, घर डूबने की कगार पर

स्थानीय लोगों के अनुसार हजारों एकड़ फसल पानी में डूब चुकी है. कई घरों में पानी घुस चुका है, जिससे वहां रहना असंभव हो गया है. गांवों में दहशत का माहौल है और लोग अपने सामान के साथ सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन कर रहे हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन से सतलुज नदी पर स्थायी समाधान के लिए बड़ा बांध बनाने की मांग की है ताकि हर साल इस आपदा का सामना न करना पड़े.

प्रशासन ने दी सख्त चेतावनी

प्रशासन ने बताया कि पीछे से लगभग 1.70 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे जलस्तर और बढ़ने की आशंका है. ऐसे में लोगों को सचेत रहने और प्रशासन द्वारा बताए गए सुरक्षित स्थानों पर जाने की हिदायत दी गई है. स्कूलों को बंद करने का निर्णय बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.

ग्रामीणों ने की स्थायी समाधान की मांग

ग्रामीणों का कहना है कि हर साल सतलुज के उफान से उनके घर, फसलें और मवेशी खतरे में पड़ जाते हैं. इसलिए नदी पर बड़ा बांध बनाकर इस संकट का स्थायी समाधान निकाला जाना चाहिए. जब तक ऐसा नहीं होता, तब तक इस इलाके के लोग हर बारिश के मौसम में डर और असुरक्षा के साए में जीने को मजबूर रहेंगे.