भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के उस बयान को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होेंने कहा था कि पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन जरूरी है. पंजाब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा, 'कैप्टन साहब सीनियर लीडर हैं. उन्होंने अपनी निजी राय दी है. पार्टी पहले दिन से ही क्लियर रही है. वह 117 सीटों को ध्यान में रखकर अपनी एक्टिविटी कर रही है. वह प्लान बना रही है. वह अपने सांगठनिक ढांचे को बढ़ा रही है. पार्टी सभी 117 सीटों पर संगठनात्मक तरीके से काम कर रही है.'

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कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कुछ दिन पहले कहा था कि भारतीय जनता पार्टी पंजाब में अपने दम पर सरकार नहीं बना सकती. अगर अकाली दल के साथ गठबंधन नहीं हुआ, तो 2027 में सरकार बनाना तो भूल ही जाइए, 2032 की तो बात ही छोड़ दीजिए. उसके लिए कई चुनाव लड़ने पड़ेंगे.

जब अश्विनी शर्मा से हरसिमरत बादल के उस बयान के बारे में पूछा गया कि भारतीय जनता पार्टी 2032 में भी अपने दम पर सरकार नहीं बना पाएगी, तो शर्मा ने जवाब दिया, 'वह हमारी बड़ी बहन हैं. वह कब से नेता के बजाय भविष्यवक्ता बन गईं? राजनीति में क्या होगा? कौन जीतेगा? जनता तय करती है कि ताज किसका होगा. बाकी देश की तरह पंजाब भी भारतीय जनता पार्टी को प्यार करता है.'

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कैप्टन अमरिंदर सिंह ने क्या कहा था?

बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि अगर भारतीय जनता पार्टी को 2027 का पंजाब असेंबली इलेक्शन जीतना है, तो उसे अकालियों के साथ गठबंधन करना होगा. कोई दूसरा रास्ता नहीं है. उन्होंने तर्क दिया कि राज्य की जटिल राजनीतिक स्थिति और सामाजिक गतिशीलता को ध्यान में रखते हुए उसको मजबूत करना सिर्फ स्थानीय गठबंधन के जरिए ही मुमकिन है.

कैप्टन ने कहा था कि इसका मुख्य कारण यह है कि भारतीय जनता पार्टी का पंजाब के ग्रामीण इलाकों में कोई बेस नहीं है, जबकि अकाली दल का है. इसलिए, दोनों पार्टियों को एक-दूसरे की जरूरत है, और तभी पंजाब में सरकार मुमकिन है. उन्होंने कहा, 'यह मेरा अनुभव है. अगर भारतीय जनता पार्टी अकाली दल के साथ गठबंधन नहीं करती है, तो सरकार बनाते समय 2027 और 2032 को भूल जाओ.'